कंपनी के चेयरमैन व अन्य कर्मचारी अभी भी फरार
रेवाड़ी: सुनील चौहान। जिले में करीब डेढ़ करोड़ की ठगी करने वाले आरोपी को शहरी थाना पुलिस ने काबू कर लिया हैं। आरोपी एक चिटफंड कंपनी का सहायक है। जबकि कंपनी का सीएमडी व एमडी अभी भी फरार हैं। आरोपियों ने एक व्यक्ति के जरिए कड़ी से कड़ी जोड़कर आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के साथ ढाई साल पहले ठगी की वारदात को अंजाम दिया था। तभी से आरोपी फरार चल रहे थे। शुक्रवार को पुलिस को एक आरोपी के बारे में सूचना मिली। उसके बाद दबिश देकर उसे पकड़ लिया गया। आरोपी की पहचान सूरजगढ़ निवासी मनोज कुमार के रूप में हुई हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली रोड स्थित घीसा की ढाणी में रहने वाले संदीप ने धारूहेड़ा चुंगी पर मोबाइल की दुकान व सैलून खोला हुआ है। 20 सितंबर 2018 को उसकी मुलाकात दुकान पर आने वाले मंगतराम से हुई थी। मंगतराम ने खुद को श्योरगेन सोल्यूशन कंपनी का सीएमडी बताया था। उसने संदीप को जानकारी दी थी कि उनकी कंपनी सुअर पालन का काम करती है। कंपनी में इनवेस्ट करने के बाद वे कई तरह के लाभ देते हैं। शुरू में तो संदीप उसकी बातों में नहीं आया, लेकिन महंगी गाड़ी देखकर वह लालच में आ गया। मंगतराम के सहायक मनोज कुमार ने संदीप को कंपनी में इनवेस्ट करने कई प्लान बताए।
शुरू में लाखों रुपए के प्लान बताए गए, जिनमें हर सप्ताह जमा की गई राशि पर 5 प्रतिशत ब्याज व नकदी जमा करने पर एक गाड़ी देने का वादा किया गया। उसे बताया गया कि अगर वह अपने नीचे कुछ और साथियों को कंपनी से जोड़ेगा तो फिर उसे और ज्यादा फायदा होगा। इसी प्रकार वह इन शातिर ठगों के जाल में डेढ़ करोड़ रुपए वाले प्लान में फंस गया। इस प्लान में उसे एक क्रेटा गाड़ी व कई अन्य लोक लुभावने ऑफर दिए गए। संदीप ने पहले खुद के 50 लाख रुपए कंपनी में जमा किए। उसके बाद पिता रमेश कुमार के नाम से नई आईडी बनाकर 16 लाख जमा कर दिए।
इतना ही नहीं अपने दोस्त मनोज के 6 लाख रुपए के अलावा अपनी दुकान पर काम करने वाले नौकरों के नाम से ही कंपनी में पैसे जमा करता चला गया। आधी से ज्यादा रकम उसने ऑनलाइन बैंक के जरिए जमा की। इस प्रकार संदीप ने खुद व अपने साथियों के जरिए 1 करोड़ 45 लाख से ज्यादा की रकम कंपनी में जमा कर दी। शुरुआत में उसे 10 लाख और फिर 5 लाख रुपए वापस भी किए गए, लेकिन उसके बाद उसे एक फूटी कोड़ी नहीं मिली। कुछ दिन तो वह संपर्क करता रहा, लेकिन बाद में शातिर ठगों से संपर्क भी टूट गया। किसी तरह वह कंपनी के सीएमडी मंगतराम के पास पहुंच गया।
उसने मंगतराम से अपनी राशि वापस मांगी तो उसने साफ मना कर दिया। उसके बाद संदीप ने शिकायत दर्ज कराई। शहर थाना पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ इस मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फरार चल रहे थे। शुक्रवार को केस में पहली गिरफ्तारी मनोज के रूप में हुई है। उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।