Chhat Puja. धारूहेडा: पाश्यचात्य शैली के हावी होने के शिक्षित युवा आजकल लोक आस्था से दूर हो रहे है। डिग्री तक पढाई करने व कई सालों से आर्मी में पति के साथ रह रही युवती ने धारूहेडा पुहंच लोक आस्था में चाहत मिशाल कायम की है।Chhat Puja
कोटा आर्मी मे तैनात पति के साथ रही युवती गंगा छठ मनाने के लिए स्पेशल पांच दिन लिए धारूहेडा आई है। जबकि पति न तो छठ पर्व मनाते है तथा नही उनकी इसमें आस्था है।Chhat Puja
गंगा देवी ने बताया कि करीब छह साल पहले उनकी शादी आर्मी में तैनात देव मंगल से हुई है। वह शादी के बाद से उनके साथ रह सेना के क्वाटरों में रह रही है। आस्था के चलते वह साल अपने बिहार जिला बख्सर के गांव बडकाराजपुर आकर छठ पर्व मनाती है।
इस बार वह अपने परिवार के साथ धारूहेडा में पर्व मनाएंगी। उनके चाचा हरिनारायाणा कई सालो सें धारूहेडा में रह है। वह अपनी चाची के साथ संतोष कालोनी में चार दिवसीय पर्व मना रही है। उसे बडा गर्व है कि वह हर साल माता रानी का उपवास करती है। माता की भक्ति की ताकत उसे यहां पर खीच लाई कि वह राजस्थान से धारूहेडा आकर ब्रत मना रही है।Chhat Puja
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मै अपने पति के साथ कोटा में रह रही हूं। मेरे पति इस पर्व में आस्था नहीं रखते है। मै व्रत मनाने के लिए चाची के पास धारूहेडा आई हूं।
गंगा देवी, धारूहेडा