भिवाडी: भिवाड़ी में लगातार बढ़ती समस्याओं पर उद्यमियों का गुस्सा फूट पड़ा। 100 से अधिक उद्यमियों ने पहले प्रदूषण मंडल और फिर रीकाे कार्यालय में हंगामा किया। अधिकारियाें काे खरी-खाैटी सुनाई और रीकाे कार्यालय में दरी-पट्टी बिछाकर धरने पर बैठ गए। देर शाम पुलिस की समझाइश के बाद उद्यमी वापस लाैट गए उद्यमियों में प्रदूषण पर हुई सख्ती पर रोष है। इसे लेकर गुरुवार सुबह 12 बजे बीएमए सभागार में मीटिंग बुलाई गई थी।
यहां बड़ी संख्या में उपस्थित उद्यमियों ने संगठन के सामने नाराज़गी जताई। इसके बाद सभी प्रदूषण मंडल कार्यालय पहुंचे। वहां क्षेत्रीय अधिकारी विवेक गाेयल काे ज्ञापन दिया। इसके बाद रीकाे यूनिट एक में वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक केके काेठारी काे ज्ञापन साैंपा। भिवाड़ी के उद्योगो की समस्या काे लेकर बीसीसीआई का प्रतिनिधिमंडल रीकाे एमडी आशुताेष एटी पेडणेकर से मिल चुका है। अध्यक्ष रामनारायण चाैधरी ने बताया कि बिजली कटाैती के दाैरान कुछ समय के लिए चलने वाले डीजी सैट से अधिक वायु प्रदूषण नहीं हाेता है। भिवाड़ी के प्रदूषण की मुख्य वजह सड़क पर उड़ने वाली धूल है। ऐसे में उद्योगों काे राहत दी जाए।
अभी यह निकला समाधान रीकाे सफाई अभियान चलाएगी इसमें राेड डस्ट साफ करेगी। पानी के छिड़काव की क्षमता काे बढ़ाया जाएगा। राेड पर बने गड्ढाें काे भरा जाएगा। अफसरों से कहा-साहब ऐसा काम कराे, जिससे जाने के बाद भी लाेग याद रखें
उद्यमियों के धरने के बीच आरएफसी कार्यालय में रीकाे, प्रदूषण मंडल और उद्यमियों की डीएसपी हरिराम कुमावत की मध्यस्थता में मीटिंग हुई। इसमें बीएमए अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चाैहान और सचिव जसवीर सिंह ने कहा कि भिवाड़ी का आज जैसा हाल कभी नहीं देखा। अफसर कुछ काम नहीं कर रहे। कंपनी संचालक आखिर कहां जाएं? प्रदूषण पर सख्ती के नाम पर कंपनियाें काे धमकाया जा रहा है। कई उद्यमी पलायन कर चुके हैं। जब प्रोडक्शन समय पर पूरा नहीं हाेगा ताे कंपनियाें काे ऑर्डर काैन देगा। प्रशासन जरुरत के समय उद्यमियों से मदद ले लेता है, लेकिन उद्यमी पर संकट आए तो काेई सुध नहीं लेता। साहब काेई किसी सीट पर स्थायी नहीं है। ऐसा कराे जिससे जाने के बाद भी लाेग याद रखें।
समस्याएं जिनको लेकर विरोध, अधिकारी नहीं कर रहे समाधान प्रदूषण मंडल की टीम बिना बताए किसी भी कंपनी में जबरन घुसकर फाेटाे खींच रही हैं।अधिकारी जान बूझकर कंपनियाें की फाइलें दबाते हैं।रामपुर मुंडाना में जाने के लिए सड़क ही नहीं है। कई बार रीकाे अधिकारियाें काे बताने के बाद भी समाधान नहीं निकला स्वच्छ ईंधन की गैस ठंड के चलते कम फ्लाे पर आती है। इससे कराेड़ाें का सामान खराब हाे रहा है।कंपनी में एक बूंद भी पानी नहीं आ आता। बावजूद इसके रीकाे लगातार बिल भेज रहा है।कलेक्टर ने भास्कर की खबर का हवाला दे शासन सचिव काे लिखा पत्र
उधर, जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया से समस्या काे लेकर पर्यावरण विभाग के शासन सचिव काे पत्र लिखा है। इसमें कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयाेग के निर्देशों के चलते कंपनियाें पर सख्त कार्रवाई की गई। इसे लेकर विराेध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी संबंध में दैनिक भास्कर के भिवाड़ी संस्करण में 14 दिसंबर काे सड़क पर उतरे उद्यमी, बीडा सीईओ से कहा-कंपनियां पूरी तरह नहीं चली ताे अगली बार हम आपकाे चाबी देकर जाएंगे, शीर्षक से खबर भी प्रकाशित की। 24 दिसंबर काे भिवाड़ी में हाेने वाले निवेश सम्मेलन का विराेध करने की बात कही गई है। उद्यमियों का कहना है वित्तीय संकट पहले से था, अब कंपनियाें काे फिर से बंद करने या डीजी सैट सील करने से श्रमिकों का रोजगार भी छिनेगा।
अब सप्ताह में पांच दिन तक चल सकेंगी कंपनियां : उद्यमियों के लगातार दबाव के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयाेग ने बिना स्वच्छ ईंधन वाली कंपनियों को सप्ताह में 5 दिन लगातार चलाने की अनुमति दी हैं। दिन भी वर्गवार निर्धारित किए हैं। प्रदूषण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक कुमार गाेयल ने बताया कि पेपर और पल्स उद्योग, डिस्टीलरी तथा केप्टिल थर्मल पावर प्लांट साेमवार से शुक्रवार, पेडी/चावल प्रसंस्करण बुधवार से रविवार तथा टेक्सटाइल/गारमेंट्स तथा अन्य उद्योग जाे उपराेक्त वर्ग 1 या दाे में नहीं है वह शनिवार से बुधवार तक लगातार चल सकेंगे।
हम शुक्रवार सुबह 11 बजे से रीकाे कार्यालय परिसर में धरना देंगे। हमारा धरना 24 दिसंबर तक हाेने वाली निवेश समिट तक जारी रहेगा। हम लगातार सरकार से उद्योगों काे राहत देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी काेई सुनवाई नहीं हाे रही।-सुरेंद्र सिंह चाैहान, अध्यक्ष, बीएमए
हमारा काम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयाेग के आदेशाें काे लागू कराना है। वहां जिस तरह से आदेश मिलते हैं। हम उन्हीं का पालन कराते हैं। कंपनियाें की जांच इसमें शामिल है।-विवेक कुमार गाेयल, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल
उद्यमियों की नाराजगी प्रदूषण काे लेकर लगाई गई पाबंदी है। वायु प्रदूषण काे कम करने के प्रभावी कदम रीकाे लगातार उठा रहा है। आगे हम इसे बढ़ा देंगे।
-केके काेठारी, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक, रीकाे यूनिट एक