Property tax: डॉ. कमल गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रॉपर्टी आईडी (Property tax) इंटीग्रेशन के लंबित कार्य को 30 अप्रैल तक हर हाल में पूरा करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र ऐसा राज्य जिसने अपनी सभी अर्बन लोकल बॉडीज की एक-एक इंच जमीन का अक्षांश और देशांतर नापकर प्रॉपर्टी को इंटीग्रेटिट किया है।Bhiwadi News: वकीलो ने थाने के बाहर किया प्रदर्शन, जानिए क्या है विवाद?
नागरिकों को मिलेगी 10 प्रतिशत छूट
यूएलबी इकाइयों में वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 31 जुलाई तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने वाले नागरिकों को 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम जनता को इसके लिए जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस छूट का लाभ उठा सकें।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से शहरी निकायों में टैक्स (Property tax) संग्रहण भी ज्यादा होगा। डॉ. कमल गुप्ता आज सोनीपत में नगर दर्शन पोर्टल, स्वामित्व योजना, स्वच्छता, प्रॉपर्टी आईडी सहित अन्य योजनाओं को लेकर स्थानीय शहरी निकाय अधिकारियों की समीक्षा बैठक कर रहे थे।
पहले भी दिया गया था आफर: इससे पहले प्रोप्र्टी टैक्स पर दिसंबर माह में छूट दी गई थी। उसके बाद इस छूट का बढा दिया गया था यानि जनवरी तक कर दिया गया था। एक बार फिर लोगो को आफर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी जनसेवा की भावना से लोगों के विकास के लिए कार्य करें और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आमजन के जीवन स्तर में सुधार के किए अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनका सीधा फायदा लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
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समस्याओं का जल्द समाधान के दिये निर्देश
डॉ. कमल गुप्ता ने स्वामित्व योजना और नगर दर्शन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्र में नगरपालिका की ऐसी दुकानों पर जो व्यक्ति 20 साल से काबिज है, उसे मालिकाना हक देने के लिए प्रभावी ढंग से काम किया जाए, ताकि सरकार के नियमानुसार सभी जरूरी औपचारिकता पूरी करते हुए मालिकाना हक प्रदान किया जाए।
उन्होंने नगर दर्शन पोर्टल की समीक्षा करते हुए कहा कि नागरिकों को अपने क्षेत्र की गली बनवाने, स्ट्रीट लाईट सहित अन्य जरूरी सुविधाएं निर्बाध रूप से मिल सके, इसके लिए कोई भी नागरिक पोर्टल (Property tax) पर अपनी समस्या अपलोड कर सकता है।
निर्वाचित प्रतिनिधि अपनी संस्तुति देगा। जिस पर विभाग शीघ्र कार्यवाही करेगा। उन्होंने नप अधिकारियों को नगर पोर्टल पर आने वाली समस्याओं का जल्द समाधान के निर्देश भी दिए।
डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि आरटीएस की निर्धारित अवधि से ज्यादा समय तक कोई आवेदन लम्बित न रहें। उन्होंने कहा कि आरटीएस के लिए अधिकारी के पास 15 दिन का समय रहता है।
अगर वह अधिकारी 15 दिन के अंदर इस आवेदन का समाधान नहीं करता है तो 16वें दिन पोर्टल में यह आवेदन पेंडिंग लिस्ट में दिखाई देता है। इसलिए सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इन आवेदनों का समाधान 15 दिन के अंदर ही करें नहीं तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।