हाईलाईट:
लूटपाट के बाद चले जाते थे राजस्थान
हाईवे पर नाकाबंद कर पांच आरोपी काबू, दो पिस्तोल व 17 कारतूस बरामद
धारूहेडा: सुनील चौहान। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वारदात को अंजाम देने की फिराक में घूम रहे 5 बदमाशों को सीआइए धारूहेडा ने साहबी पुल के पास से काबू किया। तलाशी में बदमाशों से दो देसी कट्टे, 17 जिंदा कारतूस व दो बाइक बरामद हुई हैं। बदमाशों के खिलाफ धारूहेड़ा थाना में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं पूछताछ में 20 से अधिक चोरी व चैन स्नैचिंग वारदातों का खुलासा हुआ है।
यूपी, राजस्थान व धारूहेडा में की वारदातें: आरोपियों ने बताया कि उनके गैंग में 9 सदस्य हैं, जिन्होंने अकेले रेवाड़ी में ही 20 से ज्यादा वारदातें की। बदमाशों ने रेवाड़ी ही नहीं राजस्थान, उत्तरप्रदेश व अन्य शहरों में भी वारदातों को कबूला है। बदमाशों की पहचान राजस्थान के भरतपुर निवासी धर्मबीर उर्फ लंबू, पलवल निवासी गिरीराज, राजस्थान के बहरोड निवासी पप्पू, नीमराणा निवासी नंदकिशोर व पंजाब के मोरमंडी निवासी अर्जुन के रूप में हुई है।
वारदात के बाद राजस्थान चले जाते थे:
पकड़े गए गैंग का सरगना धर्मबीर उर्फ लंबू व नंदकिशोर निकले। इस गैंग ने हरियाणा के रेवाड़ी में 20 तो राजस्थान के बहरोड़, नीमराणा व उत्तर प्रदेश के कई जिलों में वारदातें कीं। चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि गैंग के सदस्य एक शहर में सिर्फ एक सप्ताह ही रुकते थे। वारदात करने के लिए ठिकाना बदल लेते थे। बदमाशों ने अपनी बाइक में ही सीट के नीचे ऐसा स्पेस बनवा रखा था, जहां पिस्टल आसानी से रखी जा सके।
नाका लगाकर हाईवे पर दबोचे आरोपी:
सीआईए टीम को सूचना मिली थी कि दो बाइक पर सवार पांच बदमाश धारूहेड़ा की तरफ से वारदात को अंजाम देने के लिए निकले है। तुरंत एक्शन में आते हुए सीआईए टीम ने हाइवे पर साहबी पुल के पास नाकाबंदी कर दी। इस दौरान एक बाइक पर सवार तीन युवक आते दिखे तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। यह देखकर दूसरी बाइक पर आ रहे दोनों बदमाशों ने बाइक को वापस मोड़कर भागने की कोशिश की, लेकिन कुछ दूर उनकी बाइक असंतुलित होकर गिर गई। फिर पुलिस ने उन्हें भी पकड़ लिया।
बता दें कि दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हर दिन लूटपाट की वारदातें हो रही हैं। बढ़ती वारदातों के कारण हाईवे पर सफर करने वाले लोग भी खौफ में हैं। हालांकि पिछले कुछ दिन में पुलिस ने कई अपराधियों को पकड़ा है, लेकिन फिर भी वारदातें कम नहीं हो रही हैं। खासकर उन राहगीरों को शिकार बनाया जाता है, जो रात के समय वाहनों के इंतजार में घर जाने के लिए खड़े होते है। ऐसे लोगों को पहले लिफ्ट दी जाती है और फिर उनके साथ लूटपाट की वारदात