रेवाडी: सुनील चौहान। रेवाडी विधायक चिरंजीव राव ने गुरुवार को रेवाडी अनाज मंडी का दौरा कर किसानों से मुलाकात की और समस्याएं सुनी। समस्याएं सुनने के बाद पाया गया कि जहां एक तरफ किसानों को बाजरे का न्यूतम समर्थन मूल्य नही मिला और भावांतर भी उंट के मुंह में जीरे के समान मात्र 600 रूपये देने की घोषणा सरकार ने की है। तो दूसरी तरफ डी ए पी खाद का संकट दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है। विधायक चिरंजीव राव ने मौके पर जिला उपायुक्त यशेंद्र सिंह को सारी जानकारी दी तथा डीएपी खाद के संकट पर संज्ञान लेने के लिए कहा और डी ए पी खाद के लिए एक काउंटर ओर खालने के लिए भी कहा ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके।
विधायक चिरंजीव राव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों के बाजरे का एक-एक दाना खरीदने का वायदा किया था। लेकिन रेवाडी में बाजरे की सरकारी खरीद न होने से बाजरा अब तक 1100 रुपये से लेकर 1250 रुपये प्रति क्विंटल तक ही बिक पाया है। वहीं भावांतर भरपाई योजना के तहत 600 रुपये प्रति क्विंटल देने की सिर्फ घोषणा की है, अभी किसानों को भावांतर मिला नही है और ये भी नही पता कि सरकार किसानों को भावांतर कब देगी ? बाजरा दक्षिणी हरियाणा की मुख्य फसल है व किसानों का जीवन व्यापन इस फसल पर काफी निर्भर करता है। ऐसे में सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत कम से कम इतनी राशि जरूर दें कि उससे वह न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर न पडे और किसानों को भावांतर जल्द से जल्द दे।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि किसान भाई रोजाना लाईनों में खडे रहते हैं। सुबह से शाम हो जाती है, किसी को खाद मिलती है तो किसी को नही। श्री राव ने बताया कि आज मात्र एक हजार कट्टे ही यहां आए हैं, जिससे मात्र 500 किसानों को ही खाद मिल पाएगी। बाकि किसान खाली हाथ घर लोटेगें। इसी तरह से रोजाना यही हो रहा है पर्याप्त मात्रा में खाद नही आता है। जब सरकार को पता था कि अब किसानों को खाद की आवश्यकता होगी तो पहले से इंतजाम क्यों नही किया। इससे साफ पता चलता है कि सरकार किसानों के प्रति कितनी उदासीन है। श्री राव ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में गांवों में ही खाद मिल जाती थी लेकिन अब न तो गांव और न ही शहर में खाद मिल रही है। मौजूदा सरकार किसान विरोधी सरकार है।