हरियाणा: सुनील चौहान। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हरियाणा राजस्थान के टैक्स भरने के नाम कई खोखे चल रहे हैंं। ऐसा नहीं है कि हर लोगों के साथ रसीद को लेकर फर्जीवाडा किया जा रहा हैं। ये लोग मोटी राशि के मामले में फर्जीवाडा करते हैंं। अभी हाल में फर्जीवाड़े का ताजा मामला एक टूर एंड ट्रेवल्स के बस चालक के साथ हुआ है। बस के चालक ने हाइर्व पर हरियाणा राजस्थान की सीमा हरियाणा RTO टैक्स की 3100 रुपए की रसीद कटवाई थी।
जांच मे हुआ खुलसा: बस चालक के पास रसीद होने के चलते वह विश्वास के चलते चंडीगढ चला गयौ । उसके बाद जैसे ही अंबाला पहुंचा तो आरटीओ टीम ने उसे जाचं के लिए पकड़ लिया। उसने रसीद दिखाई तो बताया गया कि यह फर्जी रसीद हैं और उसका हजारों रुपए का चालान भी कर दिया।
क्या था मामला: जयपुर के गोपालपुरा खातीपुरा एके निवासी भंवर सिंह ने बावल थाना पुलिस को दर्ज कराई शिकायत में बताया कि वह 29 अगस्त की रात जयपुर से अपनी बस में सवारियों को लेकर चंडीगढ़ के लिए चला था। रास्ते में हरियाणा राजस्थान सीमा पर हरियाणा RTO का टैक्स कटवाने के लिए रूका। हिम्मत ने 3100 रुपए लेकर टैक्स की फर्जी रसीद काट दी। उसके बाद भंवर सिंह अपनी बस को लेकर चंडीगढ़ के लिए चल गया। अंबाला पहुंचते ही उसे RTO टीम ने रोक किया और रसीद दिखाने को कहा। उसने हिम्मत सिंह द्वारा काटी गई टैक्स की रसीद दिखा दी। उसके बाद RTO टीम ने बताया कि यह रसीद फर्जी हैं और उसका 51 हजार रुपए का चालान काट दिया।
बावल पुलिस ने किया मामला दर्ज: उसके बाद वह वापस जयपुर लौटते समय बावल थाना पहुंचा और पुलिस को शिकायत दी। पुलिस को चालान और फर्जी रसीद दोनों सौंपे और आरोपी हिम्मत सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बावल थाना पुलिस ने आरोपी हिम्मत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी हैं।
हाईवे पर लगे जगह जगह टैक्स काटने के खोखे:
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर से लेकर कापड़ीवास तक 24 किलोमीटर के एरिया में बहुत से ऐसे खोखे हाईवे के साथ सड़क किनारे बने हुए है, जिनपर हरियाणा व राजस्थान RTO टैक्स काटा जाता है। इनमें अधिकांश फर्जी तरीके से चलते हैं। जिनपर फर्जी ही रसीद काटी जाती है। इस खोखे पर एक बार पहले भी खरखडा के पास फर्जीवाडे को लेकर मामला दर्ज किया था। कुछ तक जांच चली, उसके बार एक बार यह धंधा तेजी से फल फूल रहा हैं।
रसिद से नहीं पता चलता असली या नकली: हाईवे पर खोखे खोलकर बैठे शातिर इस तरीके से रसीद तैयार करते है कि देखने से रसीद की नकली या असली का पता नहीं चलता। ऐसे में लोग विश्वास के चलते जल्दी रसिद मिल जाने के चलते इनसे सुविधाएं लेते है।