हरियाणा: रेलवे की तरफ से स्टेशनों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त बनाने की दिशा में उठाए जा रहे कदम के तहत अब रेवाड़ी स्टेशन पर भी बॉटल क्रसिंग मशीनें स्थापित की जाएगी। रेलवे की तरफ से जयपुर डिवीजन के 10 स्टेशनों का चयन बॉटल क्रसिंग मशीन के लिए किया है जिसमें रेवाड़ी स्टेशन पर जयपुर के बाद सर्वाधिक 9 मशीनें लगाई जाएंगी। इन मशीनों में यात्री पानी की यूज की हुई बोतलों का डाल सकते हैं जिससे यह प्लास्टिक कचरा इधर-उधर नहीं फैलेगा।
रि-साइकिल करके किया जाएगा अन्य कार्यों में प्रयोग रेलवे प्रशासन की तरफ से तीन साल पहले देश के चुनिंदा स्टेशनों का चयन करके वहां पर बॉटल क्रसिंग मशीनें स्थापित की थी। पिछले दो सालों में कोरोना की वजह से यह कामकाज प्रभावित चल रहा था जिसके बाद अब शेष स्टेशनों पर इन मशीनों को लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। जयपुर डिवीजन की तरफ से जयपुर सहित 10 स्टेशनों का चयन किया गया है।
हालांकि जयपुर स्टेशन पर यह मशीनें पहले ही लगी हुई है लेकिन अब शेष स्टेशनों पर इन्हें लगाया जाएगा। इसमें रेवाड़ी भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि स्टेशन और ट्रेन में यात्रियों द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली इन बोतलों का कोई उपयोग नहीं होने से इन्हें पटरियों या कचरा पात्र में डाल लिया जाता था। यह प्लास्टिक कचरा रेलवे के लिए भी बड़ी परेशानी बना हुआ था क्योंकि इसको रि-साइकिल नहीं किए जाने से इसका उपयोग भी संभव नहीं है।
इसको देखते हुए रेलवे ने तीन साल पहले चुनिंदा स्टेशनों इन मशीनों को लगाकर इनका अनुबंध निजी फर्मों को दिया था जिससे यह बोतल नष्ट होने के बाद उसके कचरे का उपयोग कर सकती है। इन स्टेशनों पर भी इस कचरे का उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जाएगा। हालांकि जिला में प्लास्टिक का रि-साइकिल करने वाली कोई इकाई नहीं है ऐसे में संभावना है कि इसे दूसरे शहरों में ही भेजा जाएगा।
बोतल डालने पर यात्रियों को मिलेगा 5 रुपए का ई-कूपन
रेलवे की तरफ से पहले जिन स्टेशनों पर इन मशीनों को लगाया गया है उनको इन्हें पेटीएम वॉलेट से जोड़ा हुआ है। इस मशीन में प्लास्टिक की बोतल डालने वाले यात्री को अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा जिसके बाद उन्हें 5 रुपए का एक ई-कूपन मिल जाएगा। इसका उपयोग वह पानी की बोतल अथवा स्टॉल से अन्य सामान खरीदने में कर सकते हैं। हालांकि एक यात्री को दो बोतलों से अधिक का कूपन नहीं दिया जाएगा।
प्रक्रिया शुरू की हुई है, जल्द की जाएंगी स्थापित:
जयपुर डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी बीके नायर ने बताया कि जयपुर और अलवर में पहले ही यह मशीनें स्थापित की जा चुकी है। अब रेवाड़ी सहित अन्य स्टेशनों पर इनकी साइट फाइनल करके इनको लगाया जाना है। इसके बाद छोटे स्टेशन का नंबर भी आएगा।
कहां कहां कितनी लगेगी मशीन:
रेलवे प्रशासन की तरफ से जयपुर डिवीजन में 52 बॉटल क्रसिंग मशीनें लगाई जानी है। इनमें सर्वाधिक 10 मशीनें जयपुर के लिए मंजूर हैं जिसमें 2 लगाई जा चुकी है। इसके अलावा रेवाड़ी स्टेशन पर 9 मशीन, गांधीनगर जयपुर में 3, दुर्गापुरा जयपुर में 4, अलवर में 3, बीकानेर में 8, फुलेरा में 5, किशनगढ़ में 4, दौसा और सीकर में 4-4 मशीनें लगाई जाएंगी। रेवाड़ी में प्लेटफाॅर्म नंबर-1 पर दो, दो-तीन पर 2, चार-पांच पर 2, छह-सात पर 2 और 8 नंबर पर 1 मशीन का प्रस्ताव है।