रेवाड़ी : प्रदेश सरकार गरीब, श्रमिक और महिलाओं के लिए सरकार कई महत्वाकांक्षी योजनायें चला रही है. लेकिन जागरूक के अभाव में जरुरतमंदो को इस योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता और ना ही उन लोगों को अपने अधिकारों का ज्ञान है. सही व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे इसलिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम किये जाते है. समाजसेवी एडवोकेट कैलाशचंद भी जिले के विभिन्न स्थानों पर जाकर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते है. इस कार्यक्रम के तहत उन्होंने रेवाड़ी के नांधा गाँव में महिलाओं को जागरूक किया और सरकार की योजनाओं के साथ –साथ उनके अधिकारों की जानकारी दी.
ये है पात्रता की शर्तें
उन्होंने बताया कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने प्रदेश में विधवा महिलाओ के रोजगार हेतु ऋण देने की योजना शुरू की है जिसके तहत विधवा महिलाओ को ऋण दिया जा रहा है. महिला विकास निगम द्वारा विधवा महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने के लिये बैंकों के माध्यम से तीन लाख रुपये तक का लोन दिलवाने की स्कीम है. ताकि लोन लेकर पात्र महिलायें अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें.
इस स्कीम के तहत बैंक लोन के ऊपर लगे ब्याज की प्रतिपूर्ति हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा सब्सिडी के रूप में की जायेगी, जिसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये व अवधि 3 वर्ष होगी.
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इन व्यवसाय के लिए ले सकते है लोन
ये लोन सिलाई, कढ़ाई, बुटीक, ऑटो, ई रिक्शा, मसाला, आचार, इकाइयां, खाद्य प्रसंस्करण, बेकरी और रेडिमेट गारमेंट्स आदि कार्यों के लिये दिया जाता है. जिससे पूर्व प्रशिक्षण भी दिया जाता है,
मजदूरों के लिए योजनायें :
अधिवक्ता ने बताया कि प्रदेश में असंगठित मजदूरों हेतु भी योजनायें है जिसके तहत महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले और बाद तक सहायता राशि दी जा रही है, मजदूरों के बच्चो की शिक्षा हेतु 50,000/- वार्षिक सहायता और बच्चो के विवाह के समय (कन्या के विवाह पर 51,000/- व लड़के के विवाह पर 21,000/- सहायता राशि) भी दी जाती है, मजदूर परिवारो को तीर्थ स्थानों पर भृमण हेतु सहायता राशि, व मजदूरों को वर्द्ध अवस्था मे बुढापा पेंशन के अलावा 1000/- सहायता प्रत्येक माह और दिया जाता है, मजदूर महिलाओ को खुद के कपड़ो हेतु प्रत्येक वर्ष 5100/- रुपए भी दिए जा का योजना है.
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इसी तरह ओद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले श्रमिको के लिये जो योजनायें चलाई जा रही है. उसकी भी जानकारी दी है. एडवोकेट कैलाशचंद ने बताया कि
1 कन्यादान योजना 51000/-रुपए की आर्थिक मदद तीन लड़कियों की शादी तक
2 अपंग श्रमिक की कृत्रिम अंग योजना अपन श्रमिकों को कृत्रिम अंग खरीदने हेतु साकेत अस्पताल चंडी मंदिर पंचकूला की दर से वित्तीय सहायता
3 श्रवण मशीन सहायता ₹5000 तक की वित्तीय सहायता
4 तीपहिया साइकिल योजना ₹7000 तक की वित्तीय सहायता
5 डेंटल केयर सहायता योजना ₹4000 तथा पूर्ण जबड़ा लगवाने पर ₹10000 तक की वित्तीय सहायता
6 एल0 टी0 सी0 योजना प्रत्येक 5 वर्ष में 15 सो रुपए तक की वित्तीय सहायता
7 श्रम कल्याण केंद्र योजना, कामगारों की पत्नियों और लड़कियों को श्रम कल्याण केंद्रों में निशुल्क कपड़ों की सिलाई कढ़ाई तथा बुनाई आदि का प्रशिक्षण उपरांत अब प्रत्येक परीक्षार्थी को ₹5000 की वित्तीय सहायता राशि प्रदान की जाती है.
8 सिलाई मशीन योजना, प्रत्येक 5 वर्ष में महिला श्रमिकों को ₹35 तक की वित्तीय सहायता
9 मुख्यमंत्री श्रम पुरस्कार योजना, ₹51 से ₹200000 तक के श्रेष्ठ कामगारों को पुरस्कार
10 चश्मा योजना, प्रत्येक 5 वर्ष में ₹15 तक नजर के चश्मे खरीदने हेतु वित्तीय सहायता
11 साइकिल योजना, प्रत्येक 5 वर्ष में ₹3000 तक की साइकिल खरीदने हेतु वित्तीय सहायता
12 स्कूल की वर्दी किताबें कापियां योजना, कक्षा 1 से 12:00 तक लड़कों में लड़कियों के लिए ₹3000 से ₹4000 तक की सहायता
13 छात्रवृत्ति योजना, ₹5000 से 16000/- रुपए तक की सहायता
14 श्रमिकों के बच्चों को खेलों के प्रति प्रतिभा को विकसित करने द
2000 रुपए से ₹31000 तक की वित्तीय सहायता
15 श्रमिकों के बच्चों की सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रतिभा को विकसित करने बारे 2000 रुपए से ₹31000 तक की सहायता
16 ,प्रसूति योजना स्वयं महिला कामगार तथा कामगारों की पत्नियों को ₹10000 तक की सहायता
17 औद्योगिक श्रमिकों के अपंग, मूक बाधिर, अंधेपन, तथा मंदबुद्धि बच्चो को वितिय सहायता योजना, 20000 रुपए से 30000/- तक प्रतिवर्ष वितिय सहायता
18 मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा, संस्था में ड्यूटी के दौरान म्रत्यु पर 5 लाख रुपये, मृतक कामगारो की विधवाओं /आश्रितो तथा अपंगता पर 100000 से 150,000/- रुपए तक कि वितिय सहायता,
19 मृतक कामगारों की विधवाओं /आश्रितो को दाह संस्कार योजना- 15000 रु की वितिय सहायता किसी भी स्थान पर किसी भी कारण से श्रमिक की म्रत्यु होने पर दाह सस्कार हेतु सहायता दी जाती है.
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21 कामगारों की सेवा के दौरान दुर्घटना या अन्य कारण से अपंगता होंने पर सहायता राशि योजना 100000 से 150,000/- रुपये तक कि वितिय सहायता
22 खेल -कूद प्रतियोगता योजना श्रमिकों को खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान किया जाता है तथा विजेता खिलाड़ियों को इनाम दिया जाता है.
23 संचालन शगुन योजना, श्रमिकों के लड़कों के अविवाहित कामगारों की शादी पर शगुन के तौर पर ₹21000 की वित्तीय सहायता ,व्यवसाय यूपीएससी कोचिंग योजना श्रमिकों के वर्षों में प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए ₹20000 तक यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा तैयारी हेतु बच्चों को ₹100000 की वित्तीय सहायता.
24 श्रमिक कल्याण पुरस्कार, श्रमिको को अधिक से अधिक श्रम कल्याण योजनाओ का लाभ दिलवाने वाले प्रबन्धको को श्रमिक कल्याण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत 2 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार, 1 लाख रुपए को दो द्वितीय पुरस्कार तथा 51 हजार रुपए के तीन तृतीय पुरस्कार दिए जाएंगे !
बुजुर्गों और महिलाओं के अधिकार
अधिवक्ता ने बताया कि आज हमारे देश मे वर्द्धजनों के सम्मान हेतु उनको काफी अधिकारी दिए गए हैं. अगर बच्चे अपने वर्द्ध माँ-बाप की सेवा नहीं करते हैं तो पूर्वजों की सम्पति में बच्चों का कोई हक नहीं रहता है बल्कि बुजुर्ग अपने बच्चो से प्रत्येक माह 10,000/- मासिक खर्च भरण पोषण के ले सकते है. इसी प्रकार महिलाओं के अधिकारों के प्रति भी जागरूक किया और बताया कि आज सरकार ने महिलाओ को प्रत्येक क्षेत्र में आगे लाने के लिये उनको अधिकार दे रही है. आज महिलाओ की सुरक्षा हेतु पुलिस हेल्प लाइन को ओर अधिक अलर्ट कर दिया है. कानून में भी प्रावधान कर दिया है कि महिलाओ पर अत्याचार हो तो उनको न्याय जल्दी मिले इसके लिये फ़ास्ट ट्रक कोर्ट बना दिये हैं.