मनमानी: बस संचालक ने छात्रा को स्टैंड से तीन स्टैंड आगे उतारा

रेवाडी: शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ परमिट बस संचालकों द्वारा अक्सर बदसूलकी की जाती हैं। 19 दिसंबर को शहर के महिला कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ बस को बैठने को लेकर हुए विवाद के बाद एक बार फिर से कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा को परमिट बस संचालक द्वारा उसके गांव स्टैंड से तीन स्टैंड आगे उतारने का मामला सामने आया है। पीड़ित छात्रा ने डीटीओ व महिला आयोग को शिकायत देकर परमिट बस संचालक के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग की है। वहीं पटौदी रोड पर छात्राओं को बस बैठाने को लेकर हुए विवाद में जांच कमेटी का गठन किया है।

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बता दें कि प्रदेश सरकार ने सरकारी कॉलेज और स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए रोडवेज बसों की तर्ज पर सोसायटी की बसों में भी मुफ्त यात्रा का प्रावधान किया हुआ है। इसके साथ ही प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए पास की सुविधा दी हुई है लेकिन सोसायटी बस ऑपरेटर मुफ्त की यात्रा के नियम ही नहीं, बल्कि पास बनवाने वाली छात्राओं को भी बस में नहीं बैठा रहे। 19 दिसंबर को रेवाड़ी बस स्टैंड परिसर में पटौदी रूट के बूथ पर कॉलेज में पढ़ने वाली 20 से ज्यादा छात्राएं घर जाने के लिए रोडवेज बस का इंतजार कर रही थी। काफी देर तक खड़े रहने के बाद एक पुलिसकर्मी ने छात्राओं को एक सोसायटी की बस में बैठा दिया लेकिन बस स्टैंड से बाहर निकलते ही बस ऑपरेटर ने छात्राओं को बस से उतार दिया।

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इसके बाद छात्राओं ने बस ऑपरेटर के खिलाफ बस स्टैंड चौकी में शिकायत दी। लेकिन शिकायत के बाद भी परमिट बस संचालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग गया पाया। एक बार से कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा के साथ इस प्रकार की घटना हुई है। जिले के गांव खड़गवास निवासी छात्रा मोनिका ने डीटीओ व महिला आयोग को परमिट बस संचालक के खिलाफ शिकायत दी है।

निर्धारित से बस स्टैंड से आगे उतारा:
छात्रा ने शिकायत में बताया कि वह 16 दिसंबर को कॉलेज से घर गांव खड़गवास जाने के लिए परमिट बस सवार हुई थी। उसे महेंद्रगढ़ रोड पर गांव सहारनवास के बस स्टैंड पर उतरना था। परमिट बस परिचालक ने उससे 10 रुपये किराया भी लिया था जबकि उनका 5 रुपये किराया लगता है। छात्रा ने बस संचालक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने गांव का स्टैंड आने पर कई बार बस संचालक से बस रोकने के लिए कहा था लेकिन बस संचालक ने जानबूझकर बस नहीं रोकी। उसे तीन बस स्टैंड आगे उतारा गया। वह दोबारा से 20 रुपये किराया देकर वापस अपने घर आई।

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प्रदेश में पिछले में ऐसी तीन घटनाओं हो चुकी है। जिला रेवाड़ी में एक सप्ताह के अंदर यह दूसरी घटना हुई है। छात्राओं के साथ ऐसी हरकत होना शर्मसार है। परमिट बस में रोडवेज बस वाले सभी नियम लागू होते हैं। उन्होंने डीटीओ विभाग व रोडवेज जीएम नवीन कुमार को पत्र लिखकर बस ऑपरेटर के खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई के लिए कहा है। परमिट बस संचालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए।
– प्रीति भारद्वाज, चेयरपर्सन, राज्य महिला आयोग।

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पटौदी रूट पर छात्राओं के साथ हुई घटना के मामले में मोटर व्हीलर ऑफिसर राजबीर सिंह जांच कर रहे हैं। परमिट बस संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया। दूसरी घटना के बारे में अभी शिकायत आई है। बस संचालक के खिलाफ नियमानुसार की जाएंगी।
– गजेंद्र शर्मा, डीटीओ।