टीकरी बॉर्डर पर पहुंचे पंजाबी कलाकार, स्वतत्रता दिवस पर इंकलाबी लहर नाम से हुआ रंगारंग कार्यक्रम

हरियाणा: सुनील चौहान। तीन खेती कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। वही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए पंजाब और हरियाणा के कलाकार टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे और इंकलाबी लहर नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से तमाम हरियाणा और पंजाब के कलाकारों ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया। कार्यक्रम में प्रस्तुति देते हुए कलाकार राजवीर जवंदा को पता चला कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे, मगर फिर भी वह किसानों का हौसला अपने गीतों के माध्यम से बढ़ाते रहे। अपनी प्रस्तुति देने के बाद राजवीर पंजाब स्थित अपने निवास स्थान की ओर रवाना हुए, लेकिन अपने प्रदर्शन के दौरान उन्होंने यह जाहिर नहीं होने दिया उनके पिता यह संसार छोड़कर चले गए हैं।

राजवीर जवंदा ने अपने प्रदर्शन के दौरान मंच से वीर रस से भरे कई गाने प्रस्तुत किए। बाद में पंजाबी गायक कंवर ग्रेवाल ने मंच के माध्यम से लोगों को बताया कि राजवीर के पिता का देहांत हो गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि न जाने कितने माता-पिता के बेटे इस आंदोलन की भेंट चढ़ चुके हैं और न जाने कितने पिता इस आंदोलन में अपनी जान गवा चुके हैं। लेकिन केंद्र में बैठी सरकार किसानों की मांगें नहीं मान रही। किसान एंथम वन और टू गाने वाले जस बाजवा ने भी वीर रस से ओत-प्रोत कई गानों का प्रदर्शन मंच के माध्यम से किया। यहां कलाकारों ने किसानों को आंदोलन जारी रखने के लिए शुभकामनाएं दी और सरकार से कृषि कानूनों को जल्द रद्द करने की मांग की।

मंच से आंदोलनकारी किसानों का हौसला बढ़ाते एक और पंजाबी कलाकार।
मंच से आंदोलनकारी किसानों का हौसला बढ़ाते एक और पंजाबी कलाकार।

इतना ही नहीं सभी कलाकारों ने आंदोलन में शामिल किसानों की हौसला अफजाई की। वही पंजाब के मशहूर गायक ग्लव वड़ैच ने सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करने वालों पर भी निशाना साधा और पंजाब से ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसानों को आंदोलन में शामिल होने की अपील की। कार्यक्रम में मशहूर गायक कंवर ग्रेवाल, जस बाजवा, हर्फ चीमा, ग्लव वडैच, बीर सिंह, रंगला पंजाब समेत कई गायकों ने मंच के माध्यम से किसान आंदोलनकारियों का हौसला अफजाई की। कल किसान स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मंच पर तिरंगा फहराएंगे और भारी संख्या में किसान आंदोलन कार्यों के टिकरी बॉर्डर पर पहुंचने की उम्मीद है