कोरोना काल मे हुई मौत के आकडों को छिपा रही सरकार:चिरंजीवराव

रेवाडी: सुनील चौहान। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सोमवार को शून्यकाल के दौरान जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा शून्यकाल के दौरान जवाब में कहा गया कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से प्रदेश में किसी की भी मृत्यु नही हुई। जिसपर भडकते हुए रेवाडी विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से कैसे एक भी मौत नही हुई। रेवाडी के निजी अस्पताल में 25 अप्रैल 2021 को 4 लोगों की मौत हुई थी। जिस पर परिजनों ने भी जमकर बवाल किया था। चिरंजीव राव ने कहा कि मैंने उसी दिन सीएमओ व निजी अस्पताल में फोन किया तो उस समय उन्होने स्वयं कहा था कि ऑक्सीजन की गाडी के देरी से पंहचने की वजह से लोगों की मौत हुई है, तो मुख्यमंत्री विधानसभा में कैसे बिल्कुल झूठ बोल सकते हैं। विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि ऐसे बोलकर मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि सरकार ने समय रहते हुए कोरोना महामारी के इंतजाम नही किए जिसके चलते प्रदेश में बहूत से लोगों ने अपनी जान गंवाई है और सरकार मौत के आंकडों को छुपाने में लगी हुई है। इसलिए इसकी उच्च स्तरीय कमेठी बनाकर जांच करवानी चाहिए और कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए।

एम्स का काम अधर में: चिरंजीव राव ने ईलाके के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि रेवाडी जिले के गांव माजरा में बनने वाले एम्स का मामला अटका हुआ है। काफी समय से जमीन का विवाद चल रहा था, उसका भी अब निपटारा हो चुका है। जितनी जमीन एम्स के लिए चाहिए थी, ग्रामिणों ने पोर्टल पर अपलोड कर दी है। अब एम्स के निमार्ण में देरी नही होनी चाहिए। जल्द से जल्द किसानों को मुआवजा देकर एम्स का कार्य शुरू करवाना चाहिए। क्योंकि एम्स से न केवल रेवाडी बल्कि महेंद्रगढ, चरखी दादरी, भिवानी, धारूहेडा, भिवाडी, अलवर, नीमराणा सहित लाखों लोगों को इसका फायदा होगा।
राजस्थान से आ रहे पानी को लेकर सरकार गंभीर नही: धारूहेडा में भिवाडी से आ रहे दूषित पानी के लिए विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि इसके लिए मैं पहले भी विधानसभा में यह मुद्दा उठा चुका हूं और पिछले बजट सत्र में मंत्री जी ने जवाब दिया था कि अगले 3 महीने में समस्या का समाधान करा दिया जाएगा। लेकिन अब तो लगभग 5 महिने होने को हैं और अब भी धारूहेडा का यही हाल है। पिछले दिनों बरसात के पानी व दूषित पानी से धारूहेडा के सैक्टर 4-6 व हाउसिंग बोर्ड में लोगों के लगभग 300 घरों में पानी भर गया था। मैंने स्वयं वहां पानी में जाकर जायजा लिया और जिला प्रशासन को भी मौका मुआयना करवायाा उसके बाद अस्थाई समाधान हुआ है। लेकिन वहां पानी का स्थाई समाधान करवाया जाए।

प्रोपर्टी आइटी लेकर भटक रहे लोग:  चिरंजीव राव ने कहा कि रेवाडी शहर में लोग प्रोपर्टी आई डी को लेकर बडे परेशान हैं। लोगों को लंबी-लंबी लाईनों में लगना पड रहा है और 4-4 महिने लग जाते हैं, प्रोपर्टी आई डी बनवाने में। हमारे बहुत से फौजी भाई जो मात्र एक से दो महिने की छुट्टी आते हैं, उनकी तो छुट्टी खत्म हो जाती हैं लेकिन उनकी प्रोपर्टी आई डी नही बन पाती। समझ में नही आ रहा कि आखिर लोगों को इतना परेशान क्यों किया जा रहा है। नगर परिषद द्वारा प्रोपर्टी आई डी बनाने का सरलीकरण करवाना चाहिए। ताकि लोगों को सहुलियत हो सके।
पैंशन व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर नहीं: विधायक ने कहा कि 2006 के बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों की सरकार द्वारा पेंशन बंद कर दी गई है। पिछले दिनों कर्मचारियों की एसोसिएशन द्वारा मुझे ज्ञापन भी सौंपा गया था। उन्होंने, मुझे बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा गत 1 जनवरी 2006 से अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है, इसलिए इनका कुछ समाधान निकालना चाहिए।
धडल्ले से धूम रहे अवारा पशु: उन्होंन कहा कि एक और जरूरी मामला आवारा पुशओं व नील गाय का है। सरकार ने प्रदेश को आवारा पशु मुक्त घोषित किया हुआ है। लेकिन प्रदेश आवारा पशु मुक्त केवल कागजों तक ही सीमित है। आज पूरे प्रदेश में बेसहारा गाय और बेसहारा नंदी (सांड) घूम रहे हैं। रेवाडी जिले में तो बहूत बुरा हाल है। रेवाडी में आवारा पशुओं ने कई लोगों की जान तक ले ली है जबकि कई लोगों को गंभीर चोटें भी आती रहती हैं। आवारा पशु शहर में कही भी रोड के बीच में बैठ जाते हैं और कहीं भी आपस में झगडा करने लग जाते हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पडता है। जबकि गांवों में आवारा पशु व नील गाय फसलों को खराब करती हैं। इसलिए नील गाय के लिए तो बणी में तार बंदी करके नील गाय को तो वहां छोडा जाए एवं बेसहारा गाय के लिए 2-3 गांवों पर एक गऊशाला खोली जाए।
जगह जगह लगे है कूडे के ढेर: राव ने कहा कि रेवाडी शहर में जगह-जगह कुडे के ढेर लगे हुए हैं। जिनमें आवारा पशु भी मुंह मारते रहते हैं और बरसात के मौसम में तो बहूत ही ज्यादा दुरगंध उनमें से आती है। रेवाडी शहर में बने हुए डंपिंग प्वाईंट (लिओ चौक, गोलचक्कर, राव तुलाराम चौक) पर समय पर कुडा नही उठाया जाता है। शहर में कई बार लाखों रूपये के डस्टबीन लगाए गए हैं, लेकिन निगम की लापरवाही की वजह से कुडे की समस्या का समाधान नही हो पाया है। वहीं जयसिंहपुर खेडा में सारे कुडे को डाला जा रहा है, जिसका निरस्तीकरण भी नही किया जा रहा है। वहां पर मानेसर तक का कुडा डाला जा रहा है। इसलिए कुडे निरस्तीकरण के कार्य को जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए।
कागजों मे चल रहे सीसीटीवी: वहीं रेवाडी शहर में 2 बार ट्रफिक लाईट लग चुकी हैं। लेकिन अभी तक उनको सुचारूं रूप से चलाकर सारा पैसा खराब किया जा रहा है। शहर में आए दिन जाम की समस्या का सामना लोगों को करना पड रहा है। दूसरी तरफ रेवाडी शहर में चोरी की वारदात बहूत बढ रही है। करीब 5 साल पहले सांसद निधि से 10 लाख रूपये के कैमरे लगवाए गए थे, लेकिन वे भी काम नही कर रहे। इसलिए रेवाडी शहर में सीसीटीवी कैमरे लगवाकर उनका एक कंट्रोल रूम बनवाया जाए जहां पर बडी स्क्रीन लगवाई जाए और पुलिस हर समय वहां पर कंट्रोलिंग करे।
सडको की हालत बदहाल: इसके अलावा रेवाडी के रोडों की बहूत खस्ता हालत हो चुकी है। रेवाडी की पुलिस लाईन के समीप, फ्लाई ओवर के नीचे का रोड खराब है यहां हादसे में एक व्यक्ति ने अपनी जान भी गंवा दी। वहीं अनाज मंडी के आस-पास का रोड, महाराणा प्रताप चौक से बावल रोड और धारूहेडा के सैक्टर 4 व 6 का रोड जो कि सुभाष चौक से हाईवे को जोडता है, इस रोड पर भी दुर्घटना में एक व्यक्ति ने अपनी जान गंवा दी। मैं काफी दिनों से जिला उपायुक्त सहित और मीडिया के माध्यम से इन रोडों के सुधार के लिए प्रयास कर चुका हूं। मेरा आपसे आग्रह है कि इन सभी रोडों को ठीक करवाया जाए।
बिना ट्रीट किए साहबी मे डाला जा रहा पानी: विधायक ने कहा कि मेरी विधानसभा के मसानी बराज में रेवाडी, धारूहेडा व धारूहेडा सैक्टर 4 का एसटीपी का गंदा पानी डाला जा रहा है, पानी को अच्छे से ट्रीटीड नही किया जा रहा है। इससे मसानी, खलियावास, तीतरपुर, निखरी, भटसाना, अलावलपुर, ततारपुर, खरखडा इत्यादि गांवो का पानी खराब हो रहा है। उसमें बहूत ही बदबू आती है, उस पानी में केमीकल होता है। इस केमीकल युक्त पानी से कैंसर के अलावा अन्य घातक बिमारी भी होंगी। इसलिए इस गंदे पानी को ड्रेन नंबर 8 में डाला जाए।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि प्रदेश में 35 भर्तीयां रद्द हो चुकी हैं, यदि सरकार कोई ठोस कदम उठाए तो बार-बार पेपर लीक न हों। वहीं लिखित परीक्षा के सेंटर भी दूर दिए जा रहे हैं। इतनी मंहगाई और बेरोजगार युवा इतना खर्चा कहां से उठाएगें।