हरियाणा: एक बार फिर अहीर रजिमेंट गठन का मुद्दा चर्चा में आ गया है। डॉ. टीसी राव, संयोजक राष्ट्रीय फाउंडेशन के नेतृत्व में यदुवंशी पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने उनके निवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक कर मांग पत्र दिया। जिसमें भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की स्थापना के लिए कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया।
कई बार हो चुका है आदोलन
। डॉ. टी.सी. राव ने माननीय मंत्री को भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की अनुपस्थिति के ऐतिहासिक कारणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसमें ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अहीर समुदाय के अटूट प्रतिरोध अहीर रेजिमेंट ब्रिटिश काल में न बनने का मुख्य कारण बताया।Rojgar Mela: सुनहरी मौका: फतेहाबाद में रोजगार मेला 23 को
बैठक के दौरान, डॉ. टी.सी. राव ने इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटिश प्रशासन ने 1945 में अंतिम पुनर्गठन के दौरान जानबूझकर अहीर रेजिमेंट के गठन की अनदेखी की थी क्योंकि अहीर सैनिकों ने 1857 से 1947 तक ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ लगातार विद्रोह किया था।
इसके अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली भारतीय राष्ट्रीय सेना में अहीरों की सक्रिय भागीदारी भी एक कारण बताया। हरियाणा में अहीर रजिमेंट बनाने के लिए कई सालों से संघर्ष हो रहा है। कइ बार आंदोलन भी हो चुका है, लेकिन अब रक्षा विभाग की ओर से हरी झंडी नही मिली हैGrap 4 हटते ही प्रदूषण ने फिर लगाई छलांग, रेवाड़ी में AQI पहुंचा 330 पार
अहीर रेजिमेंट के गठन पर चर्चा के अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने ‘‘रेजांगला युद्ध स्मारक’’ चुसूल के नवीनीकरण में उनके प्रयासों के लिए माननीय रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। गुरूग्राम में स्थित रेजांगला स्मारक के लिए एक ‘फाईटर एयरक्राफ्ट’ दिलवाने का भी अनुरोध किया जिसके लिए मंत्री ने तुरंत स्वीकार कर लिया।
इस प्रतिनिधि मंडल में कर्नल महावीर यादव, अध्यक्ष, राष्ट्रीय शहीद फाउंडेशन, कर्नल सुभाष यादव, मेजर एस.एन. यादव, सूबेदार मेजर जगदीश चन्द यादव भी सम्मि