New Delhi: सुप्रीम कोर्ट इस साल हिजाब प्रतिबंध, वैवाहिक बलात्कार और पूजा स्थल जैसे 8 अहम मामलों पर फैसला सुना सकता है

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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट इस साल कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेगा, जिनमें पूजा स्थल कानून, नागरिकता संशोधन कानून, हिजाब पर प्रतिबंध, वैवाहिक बलात्कार सहित अन्य मामले शामिल हैं। यह मामले न केवल संविधान, न्यायपालिका और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि देश की स्थिति और दिशा पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि इस साल सुप्रीम कोर्ट किन अहम मामलों पर अपना फैसला सुना सकता है।

पूजा स्थल कानून (Places of Worship Act)

सुप्रीम कोर्ट ने पूजा स्थल कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू कर दी है। यह कानून धार्मिक स्थलों को उनके मौजूदा रूप में बनाए रखने की बात करता है और इसे बदलने का प्रयास करने पर प्रतिबंध लगाता है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच द्वारा की जा रही है, और इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस साल आने की संभावना है।

ED के अधिकार (ED’s Rights)

केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारों को लेकर कई मामलों की सुनवाई हो रही है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराओं को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिकाओं पर फैसले की संभावना जताई जा रही है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और चीफ जस्टिस द्वारा उनके रिटायरमेंट से पहले फैसला आने की उम्मीद है।

 दिल्ली में सेवाओं का अधिकार (Who Has the Right Over the Services in Delhi?)

दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच सेवा और नियुक्तियों पर अधिकार की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची है। केंद्रीय सरकार द्वारा अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण पर अधिकार देने के खिलाफ याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाला है।

 मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया (Appointment Process of Chief and Other Election Commissioners)

सुप्रीम कोर्ट इस साल यह भी फैसला कर सकता है कि क्या मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में मुख्य न्यायाधीश को शामिल किया जाना चाहिए। इस मामले में दायर याचिकाओं में यह सवाल उठाया गया है कि क्या चुनाव आयोग में न्यायपालिका का दखल जरूरी है, और सुप्रीम कोर्ट इस पर भी फैसला लेने जा रहा है।

 नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 (Citizenship Amendment Act 2019)

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी है। इस अधिनियम की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू की थी, और इस पर 2025 में फैसला आने की संभावना है।

 वैवाहिक बलात्कार (Marital Rape Crime)

वैवाहिक बलात्कार के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट इस साल फैसला सुनाने वाला है। कोर्ट ने पहले ही कहा था कि वह इस प्रावधान की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करेगा। यह मामला व्यक्तिगत स्वतंत्रता और महिलाओं के अधिकारों के लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

 

 हिजाब पर प्रतिबंध (Is Hijab Ban Right?)

कर्नाटका में शैक्षिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक बेंच ने विभाजित फैसला दिया था। बाद में इसे तीन सदस्यीय बेंच के पास भेजा गया था। इस मामले में इस साल सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना है, जो देश भर में हिजाब के मुद्दे पर बड़े प्रभाव डाल सकता है।

सार्वभौमिक नागरिक संहिता (Uniform Civil Code)

सार्वभौमिक नागरिक संहिता (UCC) को लेकर देश भर में बहस चल रही है। कई समुदायों के लोग इस कानून के खिलाफ हैं और इसके खिलाफ याचिकाएं दायर की गई हैं। हालांकि यह मामला इस साल तक सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने की संभावना नहीं है, लेकिन इसकी सुनवाई 2025 में हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट की अहम भूमिका

इन मामलों की सुनवाई और फैसले सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं। न्यायपालिका को संविधान की रक्षा करने, नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करने और देश की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभानी होती है। इन मामलों का फैसला न केवल कानून व्यवस्था, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर भी गहरा असर डाल सकता है।

संविधान और न्यायपालिका की दिशा पर असर

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देश के संविधान और न्यायपालिका की दिशा पर भी असर डाल सकता है। उदाहरण के लिए, हिजाब और वैवाहिक बलात्कार जैसे मामलों पर दिए गए फैसले व्यक्तिगत स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और महिलाओं के अधिकारों के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। इसके अलावा, नागरिकता संशोधन अधिनियम और सार्वभौमिक नागरिक संहिता जैसे मामलों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश की सामाजिक और सांस्कृतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

सुप्रीम कोर्ट इस साल कई महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई करेगा और देश की दिशा और स्थिति पर गहरा प्रभाव डालने वाले फैसले देगा। इन मामलों की सुनवाई और फैसले न केवल भारतीय नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह देश के संविधान, न्यायपालिका और सामाजिक संरचना को भी आकार देंगे। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों पर पूरा देश निगाह रखेगा।