Delhi AQI Today: दीवाली के बाद से राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है और अब यह ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच चुकी है। 30 अक्टूबर को पूरे दिन दिल्ली घने धुंध (स्मॉग) की चादर में लिपटी रही, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई। लोगों ने आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ़ जैसी शिकायतें कीं। इस बार अक्टूबर की ठंड ने भी पिछले 15 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं और प्रदूषण के मेल ने हालात को और गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले पांच से छह दिनों तक राजधानी में स्मॉग का असर जारी रहेगा।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 373 दर्ज किया गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। एक दिन पहले यह आंकड़ा 279 था। सीपीसीबी के 38 में से 37 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने 300 से ऊपर का स्तर दर्ज किया। पीएम 2.5 का स्तर 184.4 और पीएम 10 का स्तर 301.9 तक पहुंच गया। एनसीआर के अन्य शहरों की स्थिति भी चिंताजनक है—नोएडा में AQI 372, गाजियाबाद में 364, ग्रेटर नोएडा में 330, गुरुग्राम में 248 और फरीदाबाद में 166 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्मॉग और प्रदूषक तत्वों का मिश्रण न केवल दृश्यता को घटाता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक भी है।
पराली जलाना, परिवहन और ठंडी हवा बने प्रदूषण के प्रमुख कारण
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान 15.9% है, जबकि पराली जलाने से 6% और घरेलू उत्सर्जन से 4% प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके अलावा, गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहर क्रमशः 10% और 6% प्रदूषण दिल्ली की हवा में मिला रहे हैं। 29 अक्टूबर को पंजाब और हरियाणा में 293 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि धीमी हवा और बढ़ी हुई नमी के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में फंस जाते हैं, जिससे सुबह और रात के समय घना कोहरा बनता है। यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और पहले से श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक है।
बारिश से राहत की उम्मीद, अस्पतालों में बढ़े मरीज
दिल्ली के अस्पतालों में सांस लेने में परेशानी, सीने में जकड़न और आंखों में जलन की शिकायतों वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डॉ. विवेक नांगिया के अनुसार, दीवाली के बाद ऐसे मरीजों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। वहीं, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मेधा ने कहा कि सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है।
स्काईमेट वेदर के महेश पलावत के अनुसार, आने वाले दिनों में हल्की बारिश और तापमान में गिरावट की संभावना है, जिससे कुछ हद तक स्मॉग में राहत मिल सकती है। हालांकि, वर्तमान में हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा से कम और वेंटिलेशन इंडेक्स 6,000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड से नीचे है, जिसके कारण प्रदूषण के छंटने की संभावना कम है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को हल्के कोहरे और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान जताया है।

















