DAESI Diploma: अब दसवीं पास युवा भी बन सकेंगे बीज व दवा डीलर, DAESI देगा डिप्लोमा

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DAESI Diploma: हिंदुस्तान के किसी भी राज्य में खाद, बीज और दवाई बेचने का लाइसेंस पाने के इच्छुक लोगों के लिए जरूरी खबर है। ऐसे लोगों को हरियाणा सरकार के कृषि विभाग द्वारा लाइसेंस दिया जाएगा।   अब वे रेवाड़ी में डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फॉर इनपुट डीलर का डिप्लोमा कर सकेंगे। डीसी मो. इमरान रजा के मार्गदर्शन में प्रत्येक रविवार को मॉडल टाउन रेवाड़ी स्थित कृषि उपनिदेशक के कार्यालय परिसर में कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं।कांवडियो की सुरक्षा के लिए रेवाड़ी में ड्यूटी मजिस्टेट नियुक्त   हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन इंस्टीट्यूट की तरफ से 10वीं पास युवाओं के लिए डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फॉर इनपुट डीलर शुरू किया गया। मैनेज हैदराबाद द्वारा यह डिप्लोमा (DAESI Diploma) दिया जाएगा जो पूरे भारत में मान्य होगा। जिसके बाद जिला के कृषि उपनिदेशक से लाइसेंस प्राप्त कर युवा खाद, बीज व दवाई की दुकान या व्यवसाय शुरू कर सकते हैं KHAD BIJ SHOP 1   चार जिलो के युवाओ को मिलेगा फायदा: डिप्लोमा के हमेटी द्वारा नियुक्त डा. जेएस यादव ने बताया कि पहले बैच में रेवाड़ी, अलवर, महेंद्रगढ़ व गुरुग्राम जिले से 40 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण लिया। हमेटी के निदेशक डा. करमचंद ने बताया कि रेवाड़ी में डिप्लोमा (DAESI Diploma) की कक्षाएं लगने से दक्षिण हरियाणा के कैंडिडेट्स को जींद नहीं आना पड़ता। इस अवसर पर डा. रणजीत सिंह ने सभी को डिप्लोमा में प्रवेश व सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। पूरे भारत में मान्य होगा डिप्लोमा । कृषि बीज, खाद व दवाइयों की बिक्री व्यवसाय के लिए यह डिप्लोमा (DAESI Diploma) आवश्यक है। कृषि उपनिदेशक डा. वजीर सिंह ने डिप्लोमा के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए नियमित कक्षाएं लगाकर पूरी लग्न व मेहनत से डिप्लोमा को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रेरित किया।Haryana News: मुआवजे के लिए भटक रहे किसान, कोर्ट ने किए HSVP अधिकारियों के गिरफ्तारी वारंट जारी बता दें कि पहले खाद, बीज और दवाई की डीलरशिप हासिल करने के लिए डिप्लोमा की कोई शर्त नहीं थी लेकिन कुछ साल पहले भारत सरकार ने डिप्लोमा की अनिवार्यता कर दी थी। इस डिप्लोमा का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा किसानों को आधुनिक तकनीकों से युक्त खेती के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है। जानिए इसके क्या होंगे फ़ायदे दवा विक्रेताओं को कीटनाशक दवाइयों की बेहतर जानकारी होगी. अगर डीलर्स को उचित जानकारी होगी तो वे इस बुनियादी ज्ञान को किसानों के साथ साझा कर सकेंगे,जिसका लाभ दोनों को मिलेगा. खेती को फायदा होगा और बाजार में नकली खाद, बीज और दवाईयों की समस्या से छुटकारा मिलेगा. विक्रेताओं को फसल में होने वाली बीमारियों के बारे में सही जानकारी होगी तो इससे उपचार सही हो सकेगा.