Haryana: रेवाड़ी पुलिस को मिली बडी सफलता, साइबर ठगी गिरोह के चार युवक काबू

KHULASHA

Haryana: रेवाडी पुलिस को एक सफलता मिली है। महिला करो डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी वाले गिरोह से जुडे चार आरोपियो को किया है। ये आरोपी डिजिटल अरेस्ट करके उसके खात से ठगी करते है।

साइबर गिरोह पकडा: साइबर थाना रेवाड़ी पुलिस ने मोहल्ला सरस्वती विहार रेवाड़ी निवासी एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 4.49 रुपये ठगने के मामले में चार आरोपियों को काबू किया है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल के पुरानी अनाज मंडी निवासी अजीत व राजस्थान के जिला झुंझुनू के गांव शिवसिंहपुरा निवासी रोहित, कृष्ण कुमार व अजय पाल उर्फ बब्लू के रूप में हुई हैं।

CYBER CRIME

बता दे कि मोहल्ला सरस्वती विहार रेवाड़ी निवासी एक महिला ने अपनी शिकायत में बताया था की गत 16 दिसम्बर को उसके पास एक अनजान नंबर से व्हाट्स एप कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने बताया कि वह अंधेरी मुंबई से सीबीआई का स्पेशल ऑफिसर राजेश मिश्रा बोल रहा है। उसका केनरा बैंक में एक फर्जी खाता पाया गया है।

बाद में उसने वीडियो कॉल की, जिसमें वह पुलिस की वर्दी में था। उसने कहा कि नरेश गोयल धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद है। उसके घर से तुम्हारा आधार कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। अब तुम्हें भी इस मामले में गिरफ्तार किया जाएगा। महिला ने बताया कि पुलिस की वर्दी में देखकर वह घबरा गई।

उसके साथ आरोपी ने वीडियो कॉल पर दो से तीन घंटे तक बात करते हुए पैसे की मांग की गई। उसने पहले बताए गए यूपीआई नंबरों पर 99 हजार रुपये और बाद में 3.5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उससे और पैसों की मांग की गई, तो उसे हकीकत का पता चला।

इसको लेेकर पुलिस ने साइबर थाना रेवाड़ी में ठगी का मामला दर्ज करके जांच शुरू की थी। जो जांच के बाद पुलिस ने मामले में संलिप्त चार आरोपी जिला महेंद्रगढ़ के नारनौल के पुरानी अनाज मंडी निवासी अजीत व राजस्थान के जिला झुंझुनू के गांव शिवसिंहपुरा निवासी रोहित, कृष्ण कुमार व अजयपाल उर्फ बब्लू को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस द्वारा आरोपियों को अदालत मे पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जायगा।

जानिए किसने मुहैया कराया था बैंक खाता: इस बात का खुलासा हुआ है कि महिला द्वारा ट्रांसफर किए गए पैसे अजीत के खाते में गए थे। अजीत ने रोहित के कहने पर अपना खाता कृष्ण कुमार व अजय पाल उर्फ बब्लू के माध्यम से कमीशन के आधार पर साइबर ठगों को उपलब्ध करवाया था।