Haryana News: एक सीनियर आईपीएस अफसर बीजेपी के सिस्टम से बार बार न्याय की गुहार लगाता रहा लेकिन इस जातिवादी अफसरशाही और मनुवादी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की, अंततः आईजी पूरन कुमार ने इस जातिवादी सड़े हुए सिस्टम से हार कर सुसाइड कर ली, अगर सही वक्त पर उन्हें न्याय मिल जाता तो आज उन्हें ऐसा आत्मघाती कदम उठाना नहीं पड़ता।
आज पटौदी में कैंडल मार्च निकाल कर देश में फैले जातिवादी व्यवस्था का विरोध किया और आईजी पूरन कुमार की आत्मा की शांति की अपील की, साथ ही CJI पर जातिवादी मानसिकता से फेंके गए जूते पर अपना कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया..
ये सभी जातिवादी घटनाएं किसी की कोई व्यक्तिगत त्रासदी नहीं हैं— ये सभी गंभीर संस्थानिक हत्याओं का मामला है।ये घटनाएं सिर्फ एक व्यक्ति के सम्मान की नहीं, बल्कि उस तंत्र की साख की परीक्षा है जो सत्य, न्याय और समानता की रक्षा करने के लिए बना है।
ये घटनाएं किसी एक परिवार का दर्द भी नहीं है, बल्कि सिस्टम में सत्य बोलने वाले हर अधिकारी और आम नागरिक के सम्मान और सुरक्षा का सवाल है।
हम बीजेपी सरकार से निष्पक्ष और पारदर्शी न्यायिक जाँच की माँग करते हैं…और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी व उन्हें जेल भेजने की मांग करते हैं, जो शायद इस मनुवादी, जातिवादी और तानाशाही व दलित विरोधी सरकार से होगी नहीं…क्योंकि जब न्याय देने वाले ही आरोपी हों तो इंसाफ की उम्मीद बेमानी है।

















