Haryana crime: रेवाड़ी में टैक्सी चालक को गोली मारकर कार लूटने के मामले में पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश से तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि इस वारदात के पीछे केवल लूट की मंशा नहीं थी, बल्कि एक संगठित गिरोह तैयार किया जा रहा था, जिसका नेटवर्क यूपी में लगातार मजबूत हो रहा था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की भूमिका हथियारों की सप्लाई और फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने में अहम पाई गई है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के तार कई जिलों तक जुड़े हुए हैं और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अंकुर कुमार निवासी गांव अंची मेरठ, विक्रम सिंह उर्फ मंगू निवासी कुंडा मेरठ और अश्वनी कुमार निवासी लोहिया हॉल देवलापुरम मेरठ शामिल हैं। जांच में सामने आया कि इनमें से दो आरोपी पहले से गिरफ्तार बंटी के माध्यम से मुख्य आरोपी देवांशु तक हथियार पहुंचाते थे, जबकि तीसरा आरोपी देवांशु को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। पुलिस के अनुसार देवांशु अपने पिता के एक्सीडेंट का बदला लेने की भावना से एक आपराधिक गिरोह खड़ा कर रहा था और इसके लिए वह युवकों को जोड़कर नेटवर्क तैयार कर रहा था।
अब तक इस मामले में कुल छह आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से पांच आरोपी उत्तर प्रदेश से पकड़े गए हैं। इनमें चार आरोपियों को अकेले मेरठ से गिरफ्तार किया गया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि देवांशु का नेटवर्क केवल एक वारदात तक सीमित नहीं था, बल्कि आगे और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी की जा रही थी।
पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान करने में जुटी है और हथियारों की सप्लाई, फर्जी सिम और फंडिंग से जुड़े पहलुओं की भी गहराई से जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की हर कड़ी को जोड़ा जा रहा है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
















