Best24News: दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे संत आसाराम बापू को गांधीनगर की एक अदालत ने महिला शिष्या से दुष्कर्म के एक मामले में दोषी क़रार दिया है। सत्र अदालत के जज डीके सोनी ने सोमवार को अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया.
संसद का बजट शुरू, पढिए एक क्लिक पर देशभर की खबरे
आसाराम को इस मामले में मंगलवार को सज़ा सुनाई जाएगी। हालांकि इस मामले में सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य अभियुक्तों को अदालत ने बरी कर दिया है।
स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर आरसी कोडेकर के मुताबिक़ आसाराम को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (सी) (यानी बलात्कार), धारा 377 (अप्राकृतिक यौन अपराध) और अन्य प्रावधानों के तहत पीड़िता के अवैध हिरासत के लिए दोषी ठहराया गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ आसाराम
सोमवार को आसाराम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ. आसाराम की पत्नी कोर्ट में पेश नहीं हो सकी, क्योंकि वो खराब स्वास्थ्य के कारण सूरत के एक अस्पताल में भर्ती है.
Haryana News: बिजली चोरो पर शिकंजा: ताबडतोड कार्यवाही के चलते 7 करोड ठोका जुर्माना, जानिए जिलावाईस केस
आसाराम की बेटी भी समय पर नहीं पहुंच सकी, इसलिए अदालत को फैसला सुनाने के लिए इंतजार करना पड़ा. कोर्ट की पूरी कार्यवाही द कमरे में हुई, रिकॉर्ड पर मौजूद वकीलों के अलावा किसी भी व्यक्ति को अदालत कक्ष के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी.
ये हुए बरी: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी. के. सोनी ने इस मामले में आसाराम की पत्नी लक्ष्मी सहित छह अन्य को बरी कर दिया है. बरी किए गए लोगों में आसाराम की बेटी भारती, मोटेरा आश्रम की पदाधिकारी ध्रुवबेन बलानी, कर्मचारी जसवंतीबेन चौधरी, आसाराम की अनुयायी निर्मला और मीरा भी शामिल है.