Chandigarh Metro: 16 साल के बाद बावजूद चंडीगढ़ में मेट्रो लगाने की योजना एक बार फिर लटक गई है। चंडीगढ़ में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी पंजाब ने Chandigarh Metro मेट्रो डिपो बनाने के लिए न्यू चंडीगढ़ में 21 एकड़ जमीन नहीं दी । इसी के चलते अब इस प्रोजेक्ट एक बार अधर में लटक गया हैं
2008 में हुई थी प्लानिंग: 2008 में चंडीगढ़ में मेट्रो लगाने की प्लानिंग शुरू हुई थी. लेकिन काफी समय तक ये सिर्फ कागजों में ही घूमता रहा. 16 साल के लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर मेटो का कार्य रूक गया है। विभाग की ओर वजह बताया गया है।
रिमांडर के बावजूद नहीं मिली जमीन: चंडीगढ़ में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी पंजाब ने मेट्रो डिपो बनाने के लिए न्यू चंडीगढ़ में 21 एकड़ जमीन नहीं दी है। जिसके चलते अब इस प्रोजेक्ट में देरी होना तय है, क्योंकि इस प्रोजेक्ट की डीपीआर रिपोर्ट मार्च तक तैयार होनी थी. यह पूरा प्रोजेक्ट 10,500 करोड़ रुपये का है.
पंजाब सरकार ने जगह देने से इनकार कर दिया Chandigarh Metro
आपको बता दें कि डीपीआर रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही इसे केंद्र सरकार को भेजा जाना था. इस प्रोजेक्ट में पहले न्यू चंडीगढ़ के सुल्तानपुर गांव में जमीन दी जानी थी। लेकिन पंजाब सरकार ने वहां महंगी जमीन और अन्य कारण बताकर जगह देने से इनकार कर दिया था.
दो कोच वाली मेट्रो चलाने की दी सलाह Chandigarh Metro
15 जनवरी को नई दिल्ली में केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने यूटी प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में ट्राइसिटी में पहले चरण में दो कोच की मेट्रो चलाने का सुझाव दिया है। मंत्रालय ने हेरिटेज स्टेटस के चलते मेट्रो ट्रैक को अंडरग्राउंड बनाने पर भी सवाल उठाए हैं। केंद्र सरकार ने एलिवेटेड ट्रैक के विकल्प पर विचार करने को कहा है.
आपको बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक एलिवेटेड ट्रैक न बनाने का पत्र जारी किया गया है. अंडरग्राउंड ट्रैक पर एलिवेटेड ट्रैक की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा खर्च आएगा।
पीएलपीए अधिनियम लागू होने के कारण विलंब Chandigarh Metro
इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन के साथ बैठक में विकल्प जगह की योजना बनाई गई। तब यह जमीन पारोलल गांव में दी जानी थी। लेकिन पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) लगाए जाने के कारण इसमें देरी हो रही है।