Chaitra Navratri 2024: आज से नया हिंदू साल, जानिए नवहिंदू वर्ष की कुछ खास बातें

Chaitra Navratri
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Chaitra Navratri 2024:  हिंदू नव वर्ष चैत्र नवरात्रि के साथ आज, 9 अप्रैल 2023 को, मंगलवार को शुरू हुआ है। आज चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि है, जिसे हिंदू पंचांग के अनुसार नव वर्ष विक्रम संवत 2081 का पहला दिन माना जाता है। चैत्र नवरात्रि के इस दिन से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है। इस दिन को लोग विशेष रूप से गुड़ी पड़वा के रूप में मनाते हैं।

 

दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर कौन सा

वैसे दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर माया कैलेंडर कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल 3400 साल पहले होता था. ग्वाटेमाला में वैज्ञानिकों को माया कैलेंडर के सबसे पुराने सबूतों से पता चला कि ये 260 दिन का कैलेंडर होता था. इसे पत्थरों पर बनाया जाता है.

 

सनातन हिंदू कैलेंडर कितना पुराना

वैसे सनातन हिंदू कैलेंडर और भी पुराना है, इसे विक्रम संवत से भी पहले 1000 ईसापूर्व पुराना माना जाता है . जिसमें 12 चंद्रमास होते थे. ये कैलेंडर चांद की मुद्राओं और चक्र के अनुसार चलता है. हिंदू वर्ष 354 दिनों का होता है, इसी वजह से कभी-कभी हिंदू वर्ष में 30 दिनों का एक अतिरिक्त महीना जुड़ जाता है, जिसे अधिमास कहा जाता है. हिंदू कैलेंडर को समझना उतना ही आसान या सरल है, जितना कि एक ग्रेगोरियन कैलेंडर, चीनी कैलेंडर या इस्लामिक कैलेंडर को समझना.

 

क्या अंतर है अंग्रेजी और हिंदी कैलेंडर में
दरअसल ग्रेगोरियन कैलेंडर को ही अंग्रेजी कैलेंडर कहते हैं. इसकी शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 को ईसाई समुदाय ने क्रिसमस की तारीख तय करने की थी. इससे पहले 10 महीनों वाले रूस के जूलियन कैलेंडर में बहुत सी कमियां होने के कारण हर साल क्रिसमस की तारीख निश्चित नहीं होती थी. ग्रेगोरियन कैलेंडर में नया साल 01 जनवरी शुरू होता है.

सृष्टि की रचना इस दिन शुरू हुई
माना जाता है कि गुड़ी पड़वा के दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का काम शुरू किया था और सत्ययुग भी इसी दिन से शुरू हुआ था। इस दिन को सृष्टि का पहला दिन या युगादि तिथि भी कहा जाता है। रामायण काल के दौरान, भगवान राम ने चैत्र प्रतिपदा के दिन बलि को मारा था और उसी दिन विजय ध्वज फहराया था। इससे ही गुड़ी पड़वा के त्योहार का आयोजन हुआ था। मुघलों के साथ युद्ध जीतने के बाद, छत्रपति शिवाजी ने पहली बार गुड़ी पड़वा का उत्सव मनाया था।

नवरात्रि कैसे शुरू हुई?
मां दुर्गा खुद शक्ति की प्रतिष्ठा है और नवरात्रि के दौरान सभी भक्त उन्हें पूजते हैं और उनकी शक्ति, खुशी और समृद्धि की कामना करते हैं। जिस राजा ने नवरात्रि की शुरुआत की थी, उसने भी देवी दुर्गा से आध्यात्मिक शक्ति और विजय के लिए प्रार्थना की थी। वाल्मीकि रामायण में यह उल्लेख किया गया है कि, लंका की ओर रिष्यमुक पहाड़ पर चढ़ने से पहले, भगवान राम ने हिंदू नव वर्ष के पहले दिन से ही देवी दुर्गा की पूजा की थी।

 

 

भगवान ब्रह्मा ने भगवान राम को चंडी देवी की पूजा करने की सलाह दी थी, और ब्रह्मा जी की सलाह प्राप्त करने के बाद, भगवान राम ने प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक चंडी देवी की पूजा और पाठ किया। फिर माता चंडी प्रकट हुईं और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्होंने उसे विजय की आशीर्वाद दी।

नवहिंदू वर्ष की कुछ खास बातें

 

शक्ति और भक्ति के 09 दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है.
– सिखों के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है.
– स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं कृणवंतो विश्वमआर्यम का संदेश दिया.
– सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए.

 

 इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की शुरू की.
– सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया. उन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन शुरू हुआ.
– श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है.
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– राजा विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों और शकों को परास्त कर भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना.शक संवत की स्थापना की.
– युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ.