हाईलाईट:
27 दिसंबर को धारूहेेडा में चेयरमैन के चुनाव हुए
31 दिसंबर को परिणाम घोषित, कंवर सिंह हुए निर्वाचित
05 जनवरी को कंवर सिंह मार्कशीर्ट को लेकर संदीप बोहरा ने की याचिका दायर
फरवरी माह मे जिला निवार्चन आयोगय की ओर से कवर सिंह अयोगय करारा
15 मार्च को चुनाव आयोग की ओर से कंवर सिंह की मार्कशीर्ट अवैध करार
28 मार्च को कंवर की ने की हाईकोर्ट में अपील
09 सितंबर को हाईकोर्ट ने कंवर की मार्कशीर्ट वैध करार
कोर्ट के फैसले के विरोध में सात प्रत्याशी पहुंचे हाईकोर्ट
धारूहेडा: सुनील चौहान।
शुक्रवार को हाईकोर्ट की ओर से कंवर सिंह की मार्कशीट को वैध करार देते हुए उपचुनाव केंसिल करने के आदेश को लेकर अब उपचुनाव लडने वाले प्रत्याशी एकजुट हो गए तथा कोर्ट के एक तरफी फैसले को विरोध किया है। प्रत्याशियों ने रविवार को धारूहेडा मे बैठक आयोजित कर आगे के लिए रणनीति बनाते हुए फैसला लिया है कि सात प्रत्याशी संयुक्त् रूप से सोमवार को हाईकोर्ट में इस फैसले के विरोध मेें अपील करेंगे, अगर वहां पर सुनवाई नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाएंगें। इतना ही नहीं जिला प्रशासन को जब तक शपथ दिलाने की भी मांग की है।
उपचेयरमैन का चुनाव लड रहे प्रत्याशियों का आरोप है कि हाईकोर्ट ने कोरोना की आड में चुपचाप एकतरफी फैसला दे दिया है, जबकि विपक्ष व हरियाणा हरियाणा सरकार की ओर को कोई पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया गया। इतना ही नहीं इधर प्रशासन चुनाव करवाने में लगा हुआ है ओर चुपचाप बिना दूसरे पक्ष क सुनवाई व बहस के बिना ही फैसला देना न्यायसंगत नहीं है।
रविवार को बैठक जताया विरोध: जिस तरह से पिछली बार कंवर की सिंह मार्कशीट को लेकर चेयरमैन के चुनाव हारे हुए छह प्रत्याशियों ने कंवर सिंह के खिलाफ एफीडेविट दिया था। वहीं इस बार एक बार फिर चेयरमैन के उपचुनाव लडने वाले बाबूलाल लांबा, संदीप बोहरा, प्रदीप मौजम, खेमचंद सैनी, दिनेश राव, रामनिवास प्रजापत, मानसिंह ने कंवर के पक्ष में दिए गए एक तरफी फैसले का विरोध किया है। उनका आरोप है अगर चुनाव अधिकारी को कोर्ट का फैसला एकतरफी मानना तो फिर चुनाव नहीं करवाने चाहिए थे। चुनाव को लेकर न केवल समय बरमाद हुआ है, वहीं बेनर, पपलेट व प्रचार में भी काफी धन बरवाद हो गया है।
क्या था विवाद: चुनाव आयोग को दी शिकायत में संदीप बोहरा के साथ साथ सात अन्य चेयरमैन उम्मीदवारों ने एफिडेविट देते हुए आरोप लगाए थे कि कंवर सिंह ने जो 10 वीं मार्कशीट दिखाई है वह दी सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन से दर्शाई गई है तथा 2 जुलाई 1981 में परीक्षा पास की है। उस समय हरियाणा में इस तरह का कोई बोर्ड नहीं था। जिला प्रशासन से 10 वी मार्कसीट जांच होने शपथ नहीं दिलाने की मांग की थी। उपायुक्त की ओर से कागजातों की जांच एसडीएम कोसली को सौंपी थी। जिसमें एसडीएम की ओर से कंवर सिंह की मार्कशीट को हरियाणा बोर्ड के अनुसार वैध नहीं बताते हुए फर्जी करार दिया गया था। जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास भेजी गई थी। कंवर सिंह को चुनाव आयोग की ओर से मार्च 21 मे डिसक्वालीफाई कर दिया गया था। इसी के कंवर सिंह की ओर से मार्कशीट को लेकर हाईकोट में अपील की थी। 09 सितंबर को हाइेकोर्ट कंवर सिंह की मार्कशीर्ट का वेध करार देते हुए चुनाव रदद करने का आदेश दे दिया था।
12 सितंबर को होने थे चुनाव: चुनाव की सारी तैयारियां हो चुकी थी। 12 सितंबर को चुनाव होना था। हाईकोर्ट की ओर अचानक एकतरफ फैसला देने से चुनाव रद कर दिए गए है। लेकिन चेयरमैन प्रत्याशी इस फैसले के विरोध है। इसी के लिए सात प्रत्याशियों ने एक जुट होकर हाईकोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी। अगर हाई कोर्ट में अपील मंजूर नहीं हो तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरबाजा खटखटाएंगें।
शपथ समारोह पर रोक: सभी प्रत्याशियो की ओर से जिला प्रशासन को एक सयुक्त पत्र भी दिया जाएगा ताकि जब हमारी तरह से कोई को कोई फैसला नहीं आए जब तक कंवर सिंह को चेयरमैन की शपथ नहीं दिलाइ जाए। अब देखना है यह है कोर्ट में अपील के बाद कहां तक सुनवाई होती है।