RRTS from Delhi to Shahjahanpur: रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ के पहले फेज के शुरू होने को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि दिल्ली से शाहजहाँपुर तक आरआरटीएस का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।
हरियाणा राजस्थान के लोगो के लिए बडी खुशी की खबर है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि दिल्ली से शाहजहाँपुर तक आरआरटीएस का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट से पूर्व इस मामले पर उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल से दूरभाष पर बात कर इस योजना के संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी करने का अनुरोध किया है।
22 हजार करोड आएगा खर्च: बता दे कि इस योजना पर क़रीब 22 हज़ार करोड़ रुपए की लागत आएगी राव ने कहा कि यह योजना सार्वजनिक यातायात के क्षेत्र में क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी । इस आरआरटीएस क निर्माण से यहाँ के लोगों की दिल्ली व राजस्थान की यात्रा सुगम बन सकेगी।
राव इंद्रजीत ने बताया कि प्रथम चरण में दिल्ली से धारूहेड़ा तक प्रथम चरण में करने का प्रस्ताव अधिकारियों की ओर से दिया गया था। लोक सभा चुनाव के दौरान जब लोगों ने उसके बताया तो उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से बात की। उसके बाद प्रथम चरण में शाहजापुर तक ही करने का अनुरोध किया था।RRTS from Delhi to Shahjahanpur
राव ने बताया कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने भी प्रथम चरण में इसके दिल्ली से शाहजहांपुर तक ही करने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है
यहां होगी अडर ग्रांउड सेवा: बता दे कि यह योजना के तहत अब साइबर सिटी , इफको चौक, राजीव चौक होते हुए मानेसर की ओर जाएगी। राव ने बताया कि दिल्ली में गुरुग्राम के हीरो होंडा चौक तक यह योजना अंडरग्राउंड रहेगी और हीरो होंडा चौक के बाद पिल्लर पर धारूहेड़ा से होते राजस्थान के शाहजहापुर तक जाएगी ।
22 जगह बनेगे स्टेशन: बता दे कि दिल्ली- शाहजापुर प्रथम चरण में क़रीब सौ किलोमीटर लंबाई के इस मार्ग पर रेल गुरुग्राम, मानेसर, बिलासपुर , धारूहेड़ा , रेवाड़ी , बावल नीमराणा होते हुए शाहजहाँपुर तक जाएगी। इस रूट पर क़रीब 22 स्टेशन बनाए जाएंगे।
राव ने यह भी बताया कि इस योजना की पूर्व मे स्वीकृति दिल्ली के महिपालपुर से टर्न कर गुरुग्राम के पुराने दिल्ली रोड सिग्नेचर टावर होते हुए जाना था लेकिन बाद में इसे रिवाइज कर दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे के साथ सरहौल बॉर्डर होते हुए हाईवे के साथ साथ ले जाने का प्रस्ताव किया गया।