भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से बदल रहा है और इसी क्रम में ‘इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी’ (आईटीयू) मॉडल गेमचेंजर साबित हो रहा है। इस मॉडल का उद्देश्य है पोर्ट, रेल, रोड, एयर और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर माल व लोगों की आवाजाही को तेज, सस्ती और प्रभावी बनाना।
अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) ने इस दिशा में कदम बढ़ाकर भारत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है।Integrated Transport Utility
एपीएसईजेड ने अपने पोर्ट्स को आधुनिक कनेक्टिविटी और डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ते हुए आईटीयू मॉडल का सफल उदाहरण पेश किया है। मुंद्रा पोर्ट को इलेक्ट्रिफाइड रेलवे, हाईवे और एयरस्ट्रिप से जोड़ा गया है, वहीं धामरा पोर्ट देश की सबसे लंबी रेल लाइन से कनेक्ट है।Integrated Transport Utility
कृष्णपट्टनम और गंगावरम पोर्ट भी सड़क और रेलवे नेटवर्क से इंटीग्रेट होकर लॉजिस्टिक्स को मजबूत बना रहे हैं। इन पोर्ट्स पर रियल-टाइम ट्रैकिंग, ऑटोमेटेड कंटेनर डिपो और स्मार्ट गेट मैनेजमेंट जैसी वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं उपलब्ध हैं।Integrated Transport Utility
अदाणी पोर्ट्स लगातार तकनीक में निवेश कर रहा है। हाल के वर्षों में ‘ओशन स्पार्कल’ और ‘एस्ट्रो ऑफशोर’ जैसी कंपनियों के अधिग्रहण से इसकी मरीन फ्लीट 118 जहाजों तक पहुंच गई है, जो भारत में किसी निजी कंपनी के पास सबसे बड़ी क्षमता है। जहां जेएनपीटी और अन्य सरकारी पोर्ट्स अभी भी कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं, वहीं अदाणी पोर्ट्स का स्केल, टेक्नोलॉजी और स्पीड उसे वैश्विक दिग्गजों के बराबर खड़ा कर रहा है।
आज भारतीय पोर्ट्स शंघाई, सिंगापुर और रॉटरडैम जैसे विश्व के बड़े पोर्ट्स को चुनौती दे रहे हैं। तेज टर्नअराउंड टाइम, इलेक्ट्रिफाइड कनेक्टिविटी से कार्बन उत्सर्जन में कमी और पूरी तरह डिजिटल ऑपरेशंस ने भारत को अब वैश्विक मुकाबले का सशक्त चेहरा बना दिया है।

















