Registry : हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो. इसके लिए लोग वर्षों तक मेहनत कर पैसा जोड़ते हैं. लेकिन बढ़ती प्रॉपर्टी की कीमतें और रजिस्ट्री पर लगने वाले भारी टैक्स इसे और मुश्किल बना देते हैं. ऐसे में अगर कुछ जरूरी नियमों और उपायों को ध्यान में रखा जाए, तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के दौरान लाखों रुपये तक की बचत की जा सकती है.Registry
पत्नी के नाम प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराएं और पाएं टैक्स में डबल छूट
अगर आप प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री अपनी पत्नी के नाम से कराते हैं या उसमें उनका नाम जोड़ते हैं, तो आपको अधिक टैक्स रिबेट मिल सकता है.
सेक्शन 80C के तहत पुरुष अकेले रजिस्ट्री कराते हैं तो अधिकतम ₹1.5 लाख की टैक्स छूट मिलती है.
लेकिन यदि रजिस्ट्री पत्नी के नाम पर होती है, तो यह छूट ₹3 लाख तक बढ़ सकती है.
स्टाम्प ड्यूटी में मिलती है महिलाओं को विशेष छूट
देश के अधिकांश राज्यों में महिलाओं को स्टाम्प ड्यूटी में छूट दी जाती है.
उदाहरण के लिए, दिल्ली में पुरुषों को 6% रजिस्ट्री शुल्क देना होता है, जबकि महिलाओं को केवल 4%.
यानी अगर आप ₹50 लाख की प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो पुरुषों को ₹3 लाख और महिलाओं को सिर्फ ₹2 लाख रजिस्ट्री चार्ज देना होगा.
इस तरह सीधे ₹1 लाख की बचत संभव है.
होम लोन पर टैक्स बचत कैसे करें?
अगर आप होम लोन लेकर प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आप कई टैक्स लाभ ले सकते हैं:
सेक्शन 24(b) के तहत लोन के ब्याज पर ₹2 लाख तक का डिडक्शन मिलता है.
अगर पत्नी के नाम से लोन लिया गया हो, तो कुछ बैंकों में कम ब्याज दर के साथ अतिरिक्त छूट मिलती है.
यदि पुराना घर बेचकर नया घर खरीद रहे हैं, तो सेक्शन 54 के तहत कैपिटल गेन टैक्स में राहत ली जा सकती है.Registry
कैपिटल गेन टैक्स से बचने की रणनीति
अगर आपने कोई प्रॉपर्टी दो साल या उससे अधिक समय तक रखी है और अब उसे बेचने की सोच रहे हैं, तो आपको 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा.
ऐसे में यदि आप उसी रकम से दूसरी प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं, तो बेचने की प्रक्रिया को 2 साल से पहले पूरा करने पर यह टैक्स बचाया जा सकता है.
ओल्ड टैक्स रिजीम में कैसे मिलेगी अतिरिक्त छूट?
यदि आप पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) में हैं, तो आप सेक्शन 80C और 24(b) जैसे प्रावधानों का लाभ ले सकते हैं.
जबकि सेक्शन 24(b) में लोन के ब्याज पर अतिरिक्त राहत मिलती है.
सेक्शन 80C के तहत लोन का प्रिंसिपल अमाउंट चुकाने पर सालाना ₹1.5 लाख तक का डिडक्शन लिया जा सकता है.Registry















