Haryana: इंतजार खत्म, हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर को मिली हरि झंडी

rail line

Haryana: लंबे समय से इंतजार कर रहे हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर का सपना अब पूरा होने वाला है।  बता दे कि इस कॉरिडोर न केवल आईएमटी मानेसर के नजदीक से गुजरेगा, बल्कि यह देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के प्लांट को काफी फायदा होगा।

बता दे कि हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर से मानेसर ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों में विकास की गति तेज हो सकेगी। क्योकि इससे विकसित होने से मानेसर के साथ आस पास के गांवों में भी विकास तेज होगा। इससे रोजगार के नए अवसर भी बढेगे।

इस स्थानो पर बनाए जांएगे नए स्टेशन
बता दे कि हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एचआरआईडीसी) द्वारा पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर विकसित करने की योजना सिरे चढने वाली है।

NEW RAIL LINE IN HARYANA

कॉरिडोर पर सोनीपत की ओर से तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आइएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धूलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल में स्टेशन बनाए जाएंगे।

इन जिलो को मिलगा फायदा: बता दे कि इस प्रोजेक्ट से सीधे तौर पर पांच जिलों जिनमें पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर एवं सोनीपत को सीधा लाभ होगा। क्योकि पलवल रेलवे स्टेशन से लेकर सोनीपत में हरसाना कलां रेलवे स्टेशन तक प्रोजेक्ट की कुल लंबाई 126 किलोमीटर होगी। इसके ऊपर 5618 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

बता दे कि ये कॉरिडोर केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा। मारुति सुजुकी के तीन प्लांट मानेसर में चल रहे हैं, जबकि खरखौदा में एक प्लांट बन रहा है। आने वाले समय में वहां तीन प्लांट बनाए जाएंगे। सभी प्लांट के नजदीक से कॉरिडोर गुजरेगा। ऐसे मे इन प्लाटों को काफी फायदा मिलेगा।

सीधे लोड हो सकेगी गाडिया: कारिेडारे के चलते से मारूमि प्लांट से कारें सीधे मालगाड़ियों में आसानी लोड हो जाएंगी। यही नहीं डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से पृथला और तावड़ू में जोडा जाएगा। इससे कारें मुंबई से लेकर देश के किसी भी हिस्से में आसानी से कम समय में पहुंच सकेगी।

प्रोजैक्ट पर एक नजर: बता दे ये पूरा प्रोजेक्ट केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा। प्रतिदिन पांच करोड़ टन माल की ढुलाई मालगाड़ियों के माध्यम से हो सकेगी। 160 किलोमीटर तक प्रति घंटे तक की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी।

कॉरिडोर पर दो टनल बनाई जाएगी। निर्माण इस तरह किया जाएगा कि डबल स्टेक कंटेनर भी गुजर सके। दोनों टनल (अप-डाउन) की लंबाई 4.7 किलोमीटर होगी। ऊंचाई 11 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर तय की गई है।

 

 

प्रदूषण के स्तर में आएगी कमी: सडको पर वाहनो के आवागमन से प्रदूषण ज्यादा होता है। ऐसे मे रेलवा कोरिडोर होन पर कंपनी की कारें 200 मीटर की दूरी पर ही मालगाड़ियों में आसानी से लोड हो सकेगी। फिलहाल प्लांट से पांच किलोमीटर दूर कारें लोड की जाती हैं। नजदीक ही लोड होने से जहां सड़कों पर से वाहनों का दबाव कम होगा।