Haryana news: नौकरी पेशा महिलाओ को ‘नायाब’ तोहफा… हॉस्टल की सौगात, ‘सखी निवास’

इस योजना का लाभ सभी प्रकार की कामकाजी महिलाओं को मिलेगा, चाहे वे अविवाहित हों, विवाहित हों या तलाकशुदा। योजना में विशेष रूप से पिछड़े वर्ग की महिलाओं और शारीरिक रूप से विकलांग महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी
working women

Haryana news: हरियाणा सरकार ने महिलाओं की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए एक नई योजना की घोषणा की है, जिसके तहत कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक आवास की व्यवस्था की जाएगी। यह योजना “सखी निवास योजना” के नाम से जानी जाएगी

इसके तहत फरीदाबाद सेक्टर-78 और गुरुग्राम सेक्टर-9 में महिला होस्टल का निर्माण किया जाएगा। इस कदम से कामकाजी महिलाओं के लिए आवास की समस्या का समाधान होगा, और उन्हें एक सुरक्षित व आरामदायक स्थान मिलेगा, जहां वे अपने कार्यों में पूरी तरह से सक्षम हो सकेंगी।

सखी निवास योजना के तहत मिलेंगी ये सुविधाएं

हरियाणा महिला विकास निगम इस योजना का कार्यान्वयन कर रहा है, और इसके तहत कामकाजी महिलाओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सखी निवास में रहने वाली महिलाओं को डेकेयर सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी, ताकि वे अपने बच्चों को साथ रख सकें।

 

यह सुविधा खासतौर पर उन महिलाओं के लिए उपयोगी होगी जो छोटे बच्चों के साथ काम करती हैं। इस योजना में 12 साल तक के लड़कों और 18 साल तक की लड़कियों को रखने की अनुमति होगी, जिससे कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों को कामकाजी जीवन के साथ सामंजस्य बिठाने में मदद मिलेगी।

किसे मिलेगा लाभ और कौन होंगे प्राथमिकता पर

इस योजना का लाभ सभी प्रकार की कामकाजी महिलाओं को मिलेगा, चाहे वे अविवाहित हों, विवाहित हों या तलाकशुदा। योजना में विशेष रूप से पिछड़े वर्ग की महिलाओं और शारीरिक रूप से विकलांग महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। यह योजना उन महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी साबित होगी, जो कामकाजी जीवन के साथ परिवार की देखभाल करने के लिए संघर्ष करती हैं।

working women

इसके अलावा, सखी निवास योजना का लाभ लेने के लिए महिला को हरियाणा की निवासी होना अनिवार्य होगा, और उनके पास हरियाणा का परिवार पहचान पत्र भी होना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि योजना का लाभ केवल राज्य की महिलाओं को ही मिले।

आवश्यक शर्तें और पात्रता

महिला के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि उसकी मासिक आय मेट्रोपोलिटन शहरों में 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और अन्य स्थानों पर 35,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि किसी महिला की मासिक आय निर्धारित सीमा से अधिक होती है, तो उसे तीन महीनों के भीतर होस्टल छोड़ना पड़ेगा। यह नियम इस योजना की पारदर्शिता और समुचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए है।

महिला को होस्टल में रहने के लिए कुछ दस्तावेज भी जमा करने होंगे, जैसे आधार कार्ड, पुलिस सत्यापन रिपोर्ट और कर्मचारी का वेतन प्रमाण पत्र। इन दस्तावेजों के माध्यम से योजना में चयन और पात्रता की प्रक्रिया की जाएगी।

होस्टल का निर्माण और बजट

सखी निवास योजना के तहत बनाए जाने वाले महिला होस्टल का निर्माण करीब एक एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा। इन होस्टलों में 200 महिलाओं के रहने की व्यवस्था होगी, जिससे बड़ी संख्या में कामकाजी महिलाओं को लाभ मिलेगा। इस परियोजना के निर्माण की अनुमानित लागत करीब 65 करोड़ 30 लाख रुपये है, जो कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।

यह योजना हरियाणा सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना से राज्य में महिलाओं को न केवल सुरक्षित आवास मिलेगा, बल्कि उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण भी होगा।

महिलाओं के लिए एक कदम आगे की ओर

सखी निवास योजना के तहत महिला होस्टल का निर्माण उन महिलाओं के लिए एक संजीवनी का काम करेगा, जो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों और कार्यस्थल पर अपनी भूमिका को संतुलित करने में संघर्ष करती हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह महिलाओं के उत्थान और उनके लिए बेहतर कार्यसंस्कृति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इसके अलावा, इस योजना के लागू होने से महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के मार्ग में भी मदद मिलेगी, क्योंकि वे अब बिना किसी चिंता के अपने बच्चों के साथ सुरक्षित रूप से कार्य स्थल पर जा सकती हैं।

हरियाणा सरकार की सखी निवास योजना न केवल कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है, बल्कि यह महिलाओं के लिए एक सुरक्षित, सुविधाजनक और स्वस्थ वातावरण बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है, ताकि वे समाज में समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सकें।

इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक और बार साबित किया है। उम्मीद की जा रही है कि यह योजना जल्द ही अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है, और अन्य राज्यों में भी महिलाओं के लिए इस प्रकार की योजनाओं की शुरुआत हो सकती है।