New Project: उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार को और तेज करने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने एक बड़ा कदम उठाया है. ग्रेटर नोएडा से लेकर अलीगढ़ तक के 41 गांवों की 13,300 एकड़ जमीन किसानों से सीधे खरीदी जाएगी. इस पूरी प्रक्रिया में किसी दलाल या बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं होगी. जमीन की बिक्री का पूरा भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जाएगा. जिससे पारदर्शिता बनी रहे और किसानों को उनका उचित हक मिले.New Project
ग्रेटर नोएडा और अलीगढ़ के 41 गांवों को किया गया शामिल
यीडा के मुताबिक, जमीन खरीद की योजना के तहत ग्रेटर नोएडा के 36 गांव और अलीगढ़ के 5 गांव शामिल हैं. ये क्षेत्र यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में आते हैं जो अब औद्योगिक हब और लॉजिस्टिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किए जा रहे हैं.
इस परियोजना के लिए यीडा ने किसानों से सीधा संपर्क साधने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही अधिग्रहण का काम भी तेजी पकड़ने वाला है.New Project
5000 करोड़ रुपये की राशि जमीन खरीद के लिए निर्धारित
28 मार्च को हुई अहम बैठक में यीडा ने 9200 करोड़ रुपये का विकास बजट प्रस्तावित किया था. जिसमें से 5000 करोड़ रुपये सिर्फ जमीन खरीदने के लिए निर्धारित किए गए हैं. इसका सीधा लाभ किसानों को मिलने वाला है. क्योंकि यह राशि उनके खातों में जाएगी और उन्हें सरकार की ओर से उचित मुआवजा मिलेगा.
यह पहल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र को एक नए औद्योगिक और आर्थिक ज़ोन में बदलने की दिशा में बड़ा कदम है.
जेवर एयरपोर्ट और लॉजिस्टिक हब से बढ़ा निवेशकों का उत्साह
जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनने जा रहा है. इसके साथ ही यीडा क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउसिंग, टेक पार्क्स और इंडस्ट्रियल जोन तैयार किए जा रहे हैं.
इन सभी योजनाओं को देखते हुए देश-विदेश की कई कंपनियों ने निवेश में दिलचस्पी दिखाई है. जमीन अधिग्रहण से इन परियोजनाओं के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना आसान हो जाएगा.
किसानों को मिलेगा आबादी भूखंड और पूरी सुविधाएं
यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि जिन किसानों से जमीन खरीदी जाएगी, उन्हें तीन महीने के भीतर आबादी भूखंड भी अलॉट कर दिए जाएंगे. यानी किसान जमीन देने के बदले अपने परिवार के लिए एक निश्चित भूखंड पक्का तौर पर हासिल कर लेंगे.
यीडा का दावा है कि जहां भी किसानों को भूखंड दिए जाएंगे, वहां 1 साल के भीतर सभी मूलभूत सुविधाएं – जैसे सड़क, पानी, बिजली और सीवरेज – विकसित कर दी जाएंगी.New Project
बैनामा के दिन ही मिलेगा आरक्षण पत्र
यीडा ने यह भी स्पष्ट किया है कि जैसे ही कोई किसान जमीन का बैनामा (रीजिस्ट्री) कराएगा, उसी दिन उसे आरक्षण पत्र (Allotment Letter) भी दे दिया जाएगा. इससे किसानों को मानसिक और कानूनी रूप से एक भरोसा मिलेगा कि उन्हें उचित मुआवजा और भूखंड निश्चित तौर पर मिलेगा.
छह जिलों में फैला है यीडा का प्राधिकरण क्षेत्र
यीडा का क्षेत्र सिर्फ ग्रेटर नोएडा और अलीगढ़ तक सीमित नहीं है. इसका अधिकार क्षेत्र उत्तर प्रदेश के छह जिलों –
गौतमबुद्ध नगर
बुलंदशहर
मथुरा
अलीगढ़
हाथरस
आगरा
– में फैला हुआ है.
इसका मतलब है कि आने वाले समय में इन सभी जिलों में भी इसी तरह की योजनाएं लागू हो सकती हैं. जिससे हजारों किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.
किसानों के लिए एक सुनहरा मौका
यह योजना किसानों के लिए न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है. बल्कि उनके परिवारों के रोजगार और भविष्य की स्थिरता के लिए भी एक बड़ा मौका है. जमीन बेचने के बाद उन्हें ना सिर्फ मुआवजा मिलेगा बल्कि रिहायशी भूखंड और सुविधाएं भी मिलेंगी. साथ ही औद्योगिक विकास की वजह से उन्हें अपने ही इलाके में नौकरी और व्यापार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे.New Project

















