हरियाणा : हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को लिंगानुपात सुधार में लापरवाही बरतने के आरोप में दो चिकित्सा अधिकारियों को संस्पेंड कर दिया। विभागीय जांच में पाया गया कि दोनों क्षेत्रों में लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
दोनों किए संस्पेंड: बता दे लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार नहीं होने के चलते अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल ने सिरसा जिले के पीएचसी जोतांवाली की मेडिकल अधिकारी डॉ. अनीषा और सोनीपत के हलालपुर के एसएमओ को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी किए। विभाग की इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में अफरा तफरी मची हुई है।
बता दे हरियाणा ने वर्ष 2025 के अंत तक लिंगानुपात 920 तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए सभी जिलों के उपायुक्तों को अवैध गर्भपात के मामलों की रिवर्स-ट्रैकिंग करने और पूरे अभियान की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। सिविल सर्जनों को आदेश दिया गया है कि वे प्रत्येक जिले में BAMS और BHMS डॉक्टरों द्वारा संचालित सभी क्लीनिक, नर्सिंग होम और अस्पतालों की सूची तैयार करें।
इस सूची में यह भी दर्ज करना होगा कि किन केंद्रों पर पंजीकृत स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं और कितने केंद्र कानूनी गर्भपात (MTP) के लिए अधिकृत हैं। विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कहा है कि एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को अधिकतम दो केंद्रों पर ही कानूनी गर्भपात की अनुमति दी जाएगी। यह प्रस्ताव कानूनी प्रारूप में तैयार कर सरकार को भेजा जाएगा ताकि लिंग चयन आधारित गर्भपात पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।
















