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Supreme Court orders: शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाया जाएगा

On: November 7, 2025 8:11 PM
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Supreme Court orders: शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाया जाएगा

Supreme Court orders: हाल ही में बढ़ती आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंड, खेल परिसर और रेलवे स्टेशनों जैसे संस्थागत क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को तुरंत हटाया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इन संस्थानों को आवारा कुत्तों के प्रवेश से रोकने के लिए बाउंड्री वॉल, फेंस और गेट लगाए जाएँ। इसके अलावा, सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से भी आवारा कुत्तों और जानवरों को हटाने का आदेश दिया गया है। हटाए गए जानवरों को आश्रयों, गौशालाओं आदि में रखा जाएगा और उनकी देखभाल की जाएगी, उन्हें उसी क्षेत्र में वापस नहीं छोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए हैं और संबंधित एजेंसियों और अधिकारियों को इसे कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया है।

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कर्ट ने क्या निर्देश दिए?

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजरिया की बेंच ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दो सप्ताह के भीतर स्थानीय या नगर निकायों के माध्यम से ऐसे संस्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, संस्थानों में पर्याप्त फेंसिंग, बाउंड्री वॉल और गेट लगाने की समय सीमा आठ सप्ताह रखी गई है। संस्थानों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य किया गया है, जो परिसर की सफाई और रखरखाव के साथ यह सुनिश्चित करेगा कि आवारा कुत्ते परिसर में प्रवेश न कर सकें। नोडल अधिकारी का विवरण परिसर के प्रवेश द्वार पर स्थायी रूप से प्रदर्शित किया जाएगा और संबंधित नगर निकाय को सूचित किया जाएगा। स्थानीय नगर निकाय और पंचायतें प्रत्येक तीन महीने में कम से कम एक बार ऐसे परिसरों का नियमित निरीक्षण करेंगी।

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किस प्रकार के उपाय किए जाएंगे?

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि इस आदेश की प्रति सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और संबंधित मंत्रालयों को भेजी जाए। बच्चों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ और डॉग बाइट के लिए फर्स्ट एड किट उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा, तुरंत रिपोर्टिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनलों में भी इसी तरह के उपाय करने होंगे। कोर्ट ने एनिमल वेलफेयर बोर्ड को चार सप्ताह के भीतर आवारा कुत्तों के प्रबंधन और डॉग बाइट रोकथाम के लिए SOP जारी करने का निर्देश दिया है।

राज्य और केंद्र सरकार की जिम्मेदारियाँ

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के परिसर में पाए जाने वाले आवारा कुत्तों को नगरपालिका या संबंधित प्राधिकरण द्वारा स्टेरिलाइजेशन और वैक्सीनेशन के बाद आश्रय स्थल में भेजा जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार दोनों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा, राजस्थान हाई कोर्ट के पिछले अगस्त आदेश को पूरे देश में लागू करने का निर्देश दिया गया है। हटाए गए आवारा जानवरों को पर्याप्त भोजन, पानी और पशु चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने राजमार्गों पर लगातार निगरानी के लिए हाईवे पेट्रोल टीम बनाने और शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी करने का आदेश भी दिया है, जो स्थानीय पुलिस, NHAI और जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। इस मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।

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