Worshiping Vat Savitri: Best24News, Dharuhera : वट अमावस्या पर कस्बे में कई जगह धार्मिक आयोजन हुए। सेक्टर छह स्थित प्राचीन मंदिर व बास रोड कई मंदिरों हवन के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। कस्बे में सुहागिन महिलाओं ने गुरुवार को वट सावित्री पर्व किया।
वटवृक्ष की पूजा की। कच्चे धागे के साथ फेरा लगाया और सत्यवान सावित्री कथा सुनी। पति के दीर्घायु होने का वरदान मांगी। अल सुबह से ही वटवृक्ष के पास महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है।
महिलाओं ने सूर्योदय के पहले उठकर स्नान कर नए वस्त्र और श्रृंगार कर वट वृक्ष की पूजा की। दोपहर प्राचीन शिव मंदिर में हवन व भंडारे का आयोजन किया गया।
वट सावित्री व्रत का महत्व
वट सावित्री व्रत सती सावित्री से जुड़ा है. सावित्री की कथा के अनुसार देवी सावित्री ने पति के प्राणों की रक्षा के लिए विधि के विधान को बदल दिया था. अपने सतीत्व और कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था.
यमराज ने वट वृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राण लौटाए थे और वरदान भी दिया था कि जो सुहागिने वट वृक्ष की पूजा करेंगी उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद मिलेगा.
वट सावित्री व्रत की तिथि और मुहूर्त
ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि 5 जून की शाम 7 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 6 जून की शाम 6 बजकर 7 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार, वट सावित्री व्रत 6 जून को रखा जाएगा. वट सावित्री व्रत के तीन मुहूर्त बताए गए हैं.
इनमें पूजन मुहूर्त गुली काल सुबह 8.24 बजे से 10.06 बजे तक, अभिजीत मुर्हूत सुबह 11.21 बजे से दोपहर 12.16 बजे तक और चर लाभ अमृत मुहूर्त सुबह 10.06 बजे से दोपहर 3.13 बजे तक है.