Private School Regulation: जिले में लगातार निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी की शिकायतें मिलने के बाद जिला प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपनाया है. विशेष रूप से वे स्कूल जो बच्चों को किताब, ड्रेस, बैग और जूते एक ही दुकान से खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. अब प्रशासन की रडार पर हैं. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्कूल कैंपस में किताबें बेचने की अनुमति नहीं है और यदि कोई स्कूल ऐसा करता पाया गया, तो उस पर कार्रवाई तय है.
बिना MRP किताबें बेचने पर हो सकती है मान्यता रद्द
जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों द्वारा बेची जा रही किताबों की अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) की जांच अनिवार्य कर दी है. कई स्कूलों पर बिना MRP छपे किताबों की बिक्री का आरोप है, जो कि शिक्षा विभाग के नियमों का सीधा उल्लंघन है. इस पर कार्रवाई करते हुए डीसी माधवी मिश्रा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी और शिक्षा अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों को नियमों का पालन करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाए. इसके बाद भी नियमों का पालन न करने वालों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की जाएगी.
ऑनलाइन माध्यम से होगी किताबों की कीमत की जांच
किताबों की वास्तविक MRP पता करने के लिए अब ऑनलाइन सत्यापन का सहारा लिया जाएगा. डीसी ने कहा कि यदि किसी स्कूल ने गलती से नियम तोड़े हैं, तो उन्हें संशोधन का अवसर मिलेगा. लेकिन यदि कोई स्कूल जानबूझकर अभिभावकों पर दबाव बनाकर एक ही दुकान से सामग्री खरीदने को मजबूर करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
फीस और बढ़ोतरी पर भी होगी नजर
डीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि निजी स्कूलों द्वारा विभिन्न प्रकार की फीस वसूलना या अचानक फीस बढ़ाना गलत है. इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ता है और बच्चों पर भी मानसिक दबाव बनता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा को अभिभावकों के लिए चुनौती नहीं बनाना चाहिए और इस दिशा में प्रशासन सख्ती से नजर रखेगा.
स्कूल वाहनों और स्टाफ की सुरक्षा पर सख्त निर्देश
बच्चों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने विशेष निर्देश जारी किए हैं. डीसी ने कहा कि स्कूल वाहनों की फिटनेस, ड्राइवरों और गार्ड के चरित्र प्रमाणपत्र जैसे मामलों में कोई समझौता नहीं होगा. सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्टाफ और परिवहन साधन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रमाणित हों.
स्कूली बैग के वजन की भी होगी जांच
बच्चों के स्कूल बैग के वजन को लेकर भी प्रशासन सजग है. डीसी ने कहा कि औचक निरीक्षण के जरिए बच्चों के बैग का वजन मापा जाएगा. यदि किसी भी स्कूल में बच्चों पर जरूरत से ज्यादा वजन डाला गया, तो उस स्कूल के खिलाफ भी उचित कदम उठाए जाएंगे.
जनप्रतिनिधियों की शिकायतों के बाद हरकत में आया प्रशासन
प्रशासन की यह कार्रवाई जनप्रतिनिधियों की ओर से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद की जा रही है. कई अभिभावकों और स्थानीय नेताओं ने निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ डीसी से गुहार लगाई थी. अब जिला प्रशासन ने संकेत दे दिया है कि शिक्षा के नाम पर व्यावसायिक दबाव किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

















