Delhi में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने अब खुद मोर्चा संभाल लिया है। पीएमओ ने राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी 19 एजेंसियों से एक्शन-टेकन रिपोर्ट मांगी है। इस निर्देश के बाद दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने 25 नवंबर को परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD) सहित 19 विभागों को पत्र भेजकर प्रदूषण रोकथाम के तहत उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी तलब की है। बीते विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यदि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी तो वे दिल्ली की हर समस्या पर विशेष ध्यान देंगे और उसके समाधान को प्राथमिकता देंगे। चुनाव परिणामों के बाद, दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के साथ ही प्रधानमंत्री ने राजधानी की समस्याओं, विशेषकर प्रदूषण, पर निगरानी बढ़ा दी है। इसी कड़ी में पीएमओ के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है।
23 अक्टूबर को हुई उच्चस्तरीय बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया गया कि एजेंसियाँ केवल औपचारिक और दिखावटी रिपोर्ट न भेजें, बल्कि जमीनी स्तर पर हो रहे वास्तविक कार्यों तथा सामने आने वाली समस्याओं का विवरण साझा करें। बैठक में यह भी कहा गया कि यदि किसी विभाग को किसी बाधा का सामना करना पड़ रहा है, तो वह उसे साफ-साफ बताए ताकि समस्या का समाधान केंद्र स्तर पर कराया जा सके। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि दिल्ली की वायु प्रदूषण समस्या सिर्फ कागज़ों में नहीं, बल्कि वास्तविक धरातल पर सुलझाई जाए। इस दिशा में सभी विभाग अपने-अपने प्रगति रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हैं। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, कुछ विभागों ने अपनी रिपोर्ट पर्यावरण विभाग को सौंप दी है, जबकि बाकी की रिपोर्टें जल्द मिलने की उम्मीद है।
लोकल लेवल पर गंभीर प्रयासों की आवश्यकता
दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है, ऐसे में पीएमओ ने स्थानीय स्तर पर गंभीरता से काम करने पर विशेष जोर दिया है। निर्देशानुसार, एजेंसियों को यह बताना होगा कि उन्होंने सड़क धूल नियंत्रण, कचरा प्रबंधन, पराली निगरानी, वाहनों के उत्सर्जन नियंत्रण और औद्योगिक प्रदूषण रोकथाम जैसे मुद्दों पर क्या कदम उठाए हैं। साथ ही, सरकार यह भी चाहती है कि रिपोर्टों में केवल उपलब्धियों का जिक्र न हो, बल्कि उन चुनौतियों का भी उल्लेख हो जिनसे निपटने के लिए उन्हें सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता है। इससे प्रदूषण से जुड़े मसलों का वैज्ञानिक और व्यावहारिक तरीके से समाधान किया जा सकेगा। पीएमओ की सक्रियता का उद्देश्य दिल्ली के प्रदूषण प्रबंधन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।
किन-किन एजेंसियों से मांगी गई रिपोर्ट?
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जिन 19 एजेंसियों से एक्शन-टेकन रिपोर्ट मांगी है, उनमें शामिल हैं—म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ऑफ दिल्ली (MCD), इरिगेशन एंड फ्लड कंट्रोल विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC), PWD, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA), दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, राजस्व विभाग, दिल्ली परिवहन विभाग, दिल्ली जल बोर्ड (DJB), दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC), दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (DTTDC), दिल्ली विकास बोर्ड, NBCC, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, CPWD, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC), दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (DSIIDC) और NCRTC। इन सभी एजेंसियों की भूमिका दिल्ली के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और पीएमओ चाहता है कि इनके प्रयास स्पष्ट, प्रभावी और ठोस रूप से सामने आएँ।

















