PM Kisan Yojana: जिला कृषि कार्यालय परिसर स्थित संयुक्त कृषि भवन के सभागार में गुरुवार को कृषोन्नति योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री योजना पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कृषि से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया और उसके महत्व से अवगत कराना था।
अधिकारियों को दी गई डिजिटल प्रशिक्षण की जानकारी
जिला कृषि पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान कृषि यानी कृषोन्नति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए चकिया और पकड़ीदयाल अनुमंडल के कृषि समन्वयक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, हल्का कर्मचारी, पंचायत कार्यपालक सहायक और किसान सलाहकारों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनरों ने सभी प्रतिभागियों को ई-केवाईसी करने, किसान की पहचान सत्यापित करने और फार्मर आईडी जेनरेट करने की पूरी प्रक्रिया विस्तार से समझाई। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जब ये अधिकारी और कर्मचारी खेत–खेत जाकर काम करें, तो किसी तरह की तकनीकी समस्या न आए।
फार्मर रजिस्ट्री का महत्व बताया
डीएओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके माध्यम से जिले के सभी किसानों का एकीकृत डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने वाले सभी किसानों के लिए फार्मर आईडी बनाना अब अनिवार्य कर दिया गया है। इससे किसानों की पहचान सरल होगी और योजनाओं का लाभ बिना देरी सीधे उन तक पहुंच सकेगा।
अन्य अनुमंडलों को भी मिलेगा प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि गुरुवार को चकिया और पकड़ीदयाल के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। शुक्रवार को रक्सौल और ढाका अनुमंडल के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस कार्यशाला से उम्मीद जताई जा रही है कि जिले में डिजिटल कृषि सेवाओं का क्रियान्वयन और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनेगा।

















