Petrol Pump Rules: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने पेट्रोल पंपों की स्थापना और संचालन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है. इसके तहत अब पूरे देश में खासकर दिल्ली-एनसीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में पेट्रोल पंप खोलने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या समिति से अनिवार्य अनुमति (NOC) लेनी होगी.
एनजीटी के आदेश के बाद हुई कार्रवाई
यह कदम राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश के बाद उठाया गया है. NGT ने अप्रैल 2023 में CPCB को तीन महीने में पेट्रोल पंपों के लिए SOP बनाने का निर्देश दिया था. करीब दो साल बाद अब जाकर यह SOP तैयार की गई है, जो पेट्रोल भंडारण, वितरण और संचालन से जुड़े सभी पंपों पर लागू होगी. Petrol Pump Rules
स्थापना से पहले लेनी होगी बीमा पॉलिसी और बेसलाइन रिपोर्ट जरूरी
पेट्रोल पंप खोलने वालों को अब 1991 के सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम के तहत सार्वजनिक सुरक्षा बीमा पॉलिसी लेनी होगी. साथ ही पंप शुरू करने से पहले जल, वायु और मृदा की गुणवत्ता का बेसलाइन डेटा तैयार करना अनिवार्य कर दिया गया है.
वाष्प और रिसाव रोकने के लिए आधुनिक तकनीक जरूरी
नए नियमों के मुताबिक सभी पेट्रोल पंपों पर वाष्प रिकवरी सिस्टम और लीक डिटेक्शन उपकरण लगाना जरूरी होगा. इन तकनीकों की मदद से वायुमंडलीय प्रदूषण और रिसाव की घटनाएं तुरंत पहचानी और रोकी जा सकेंगी.
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए विशेष योजना होनी चाहिए
हर पेट्रोल पंप को आपात स्थिति की तैयारी के लिए एक ठोस योजना बनानी होगी. इसमें जोखिम का आंकलन, आग और विस्फोट से निपटने के उपाय, और फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लेना शामिल है. किसी भी दुर्घटना की स्थिति में 48 घंटे के भीतर संबंधित विभाग को सूचना देना जरूरी होगा.
स्थापना स्थल के लिए तय हुई सुरक्षा दूरी
पेट्रोल पंप या डिपो को अब भीड़भाड़ वाले या आवासीय क्षेत्रों से कम से कम 250-300 मीटर दूर बनाना अनिवार्य होगा. यह नियम जन सुरक्षा और आपदा की स्थिति में जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए लागू किया गया है.
अपशिष्ट प्रबंधन और वर्षा जल संरक्षण पर विशेष जोर
SOP के अनुसार पेट्रोल पंपों को अब हानिकारक और अन्य अपशिष्टों का संग्रह, निपटान और उपचार पर्यावरण नियमों के अनुसार करना होगा. साथ ही बरसाती नालों में प्रदूषण रोकने के लिए विशेष प्रबंधन करना होगा ताकि जल स्रोत सुरक्षित रहें.
जल और मृदा की गुणवत्ता की नियमित निगरानी अनिवार्य
पेट्रोल पंप संचालन के दौरान 50 मीटर की सीमा में जल और भूमि गुणवत्ता की निगरानी अनिवार्य की गई है. अगर कहीं से भी प्रदूषण के प्रमाण मिलते हैं तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी. यह कदम भूजल और सतही जल स्रोतों की सुरक्षा के लिए अहम है.
हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करना होगा
एसओपी में कहा गया है कि पेट्रोल पंपों के आसपास का वातावरण हाइड्रोकार्बन जैसे बेंजीन, टोल्यून और जाइलिन जैसे प्रदूषकों से मुक्त होना चाहिए. इसके लिए आधुनिक प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना जरूरी होगी ताकि स्वास्थ्य और पारिस्थितिक संतुलन पर कोई नकारात्मक असर न पड़े. Petrol Pump Rules















