Petrol Diesel Price: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती को लेकर देशभर में उपभोक्ता राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन सरकार फिलहाल किसी भी जल्दबाजी में कदम नहीं उठाना चाहती. दरअसल भारत सरकार अभी ‘वेट एंड वॉच’ यानी इंतजार और निगरानी की नीति पर काम कर रही है. खासकर रूस से कच्चे तेल के आयात और अमेरिकी नीति संकेतों को ध्यान में रखते हुए.
कीमत घटाने से पहले सरकार करेगी व्यापक विश्लेषण
एक मीडिया रिपोर्ट (CNBC-TV18) के मुताबिक सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती से पहले कई अंतरराष्ट्रीय संकेतों और नीतिगत पहलुओं का विश्लेषण कर रही है. सूत्रों के अनुसार “फ्यूल प्राइस में राहत देने का फैसला फिलहाल स्थगित किया गया है. जब तक कि रूस के तेल पर संभावित अमेरिकी टैक्स या टैरिफ को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती.”
रूस से तेल खरीद पर अमेरिकी रुख पर निर्भर है फैसला
भारत इस समय अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का लगभग 35% रूस से पूरा करता है, जो उसे रियायती दरों पर मिलता है. अगर अमेरिका रूस के तेल पर टैरिफ लगाने का फैसला करता है, तो इससे भारत को मिलने वाले सस्ते कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. यही कारण है कि भारत सरकार अमेरिकी नीति को लेकर पूरी स्पष्टता का इंतजार कर रही है.
ओपेक ने बढ़ाई आपूर्ति, फिर भी कीमतों पर निर्णय नहीं
सूत्रों के अनुसार, भले ही वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कमी नहीं है और ओपेक (OPEC) ने भी 1.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति बढ़ा दी है. लेकिन भारत सरकार अभी भी कोई सीधा हस्तक्षेप करने से बच रही है. वजह यह है कि ऊर्जा बाजार की अनिश्चितता को ध्यान में रखकर ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा.
तेल कंपनियों की रणनीति पर भी ध्यान
भारत की तेल कंपनियां सोर्सिंग में विविधता लाने में सक्षम हैं. लेकिन अगर वैश्विक प्रतिबंध और बढ़ते हैं तो रियायती तेल तक पहुंच और अधिक जटिल हो सकती है. ऐसे में कंपनियों को वैकल्पिक सोर्स पर निर्भर रहना पड़ सकता है. जिससे घरेलू बाजार में तेल की कीमतें कम करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
अभी राहत की उम्मीद न करें
फिलहाल यह साफ हो चुका है कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तात्कालिक राहत नहीं देने जा रही है. हालांकि आगामी वैश्विक नीतिगत बदलावों और बाजार की स्थिति के आधार पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा. सरकार की निगाहें अभी पूरी तरह से अमेरिका के अगले कदम और रूस से तेल आयात की स्थिति पर टिकी हुई हैं.

















