Operation Amanat: उत्तर पश्चिम रेलवे, अजमेर डिवीजन की रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) ने ऑपरेशन “अमानत” के तहत यात्रियों के खोए हुए सामान और मोबाइल फोन लौटाकर राहत प्रदान की। डिविजनल रेलवे मैनेजर राजू भुतड़ा के मार्गदर्शन और डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर दीपक कुमार आज़ाद की दिशा में RPF कर्मियों ने यात्रियों की खोई हुई चीज़ें सुरक्षित उनके हाथों तक पहुंचाईं। इस अभियान के दौरान कई यात्रियों का खोया सामान वापस लौटाया गया, जिससे यात्रियों में खुशी और विश्वास का माहौल बना।
सूचना मिली कि अजमेर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 पर एक यात्री ने लाल ट्रॉली बैग छोड़ दिया है। ऑन-ड्यूटी प्लेटफार्म स्टाफ कांस्टेबल राज सिंह मौके पर पहुंचे और बैग को कब्जे में लेकर रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स पोस्ट, अजमेर में जमा कर दिया। बाद में, महाराष्ट्र के उल्लासनगर निवासी यात्री धनंजय पहुंचे, जिन्होंने बताया कि वे 13 नवंबर 2025 को अजमेर से चित्तौड़गढ़ की यात्रा कर रहे थे और जल्दबाजी में बैग प्लेटफार्म पर छोड़ दिया था। यात्री के पहचान पत्र और टिकट के सत्यापन के बाद, सबसिन्सपेक्टर श्रीराम मीणा ने ₹11,000 मूल्य का बैग उसे सौंप दिया।
मोबाइल फोन भी लौटाया गया
इसी अभियान के तहत, RPF ने एक अन्य घटना में भी सफलता हासिल की। रविवार को, कर्नाटक के डेरालाकटे निवासी भाई-बहन मोहम्मद अफ़सीर सजील और अफ़सिरा ने बताया कि उनके मोबाइल फोन बैगेज चेकिंग मशीन के दौरान गिर गए थे। महिला कांस्टेबल सरिता ने CCTV फुटेज की जांच की और पाया कि एक अन्य महिला यात्री ने गलती से मोबाइल अपने बैग के साथ उठा लिया था। इसके बाद, RPF स्टाफ ने उस महिला से संपर्क किया और मोबाइल फोन की सत्यापन प्रक्रिया के बाद इसे भाई-बहन को वापस कर दिया। मोबाइल की कीमत ₹19,000 बताई गई।
ऑपरेशन “अमानत” का महत्व और उपलब्धियाँ
ऑपरेशन “अमानत” के तहत RPF की ये पहल यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई है। न केवल खोए हुए सामान और मोबाइल फोन वापस लौटाए गए, बल्कि यात्रियों में रेलवे सुरक्षा बल पर भरोसा भी मजबूत हुआ। इस अभियान ने यह दिखाया कि रेलवे सुरक्षा बल, प्लेटफार्म पर सतर्क रहकर और तकनीकी साधनों का सही उपयोग कर, यात्रियों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है। आगामी समय में इस तरह के अभियान यात्रियों को और अधिक सुरक्षित यात्रा का अनुभव देंगे और रेलवे नेटवर्क में विश्वास बढ़ाएंगे।

















