Delhi सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राजधानी के फ्लाईओवरों की देखरेख और सौंदर्यीकरण के लिए कॉर्पोरेट कंपनियों को शामिल करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इस पहल के तहत विभिन्न सार्वजनिक और निजी कंपनियाँ फ्लाईओवरों को “गोद” ले सकेंगी। हाल ही में पीडब्ल्यूडी और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के बीच इस योजना को लेकर पहली बैठक हुई, जिसमें साझेदारी के संभावित मॉडल पर चर्चा की गई। इस योजना के तहत, जो भी कंपनी फ्लाईओवर को अपनाएगी, उसे संरचना की सफाई, रखरखाव और सौंदर्यीकरण की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके बदले कंपनी को सीमित मात्रा में फ्लाईओवर पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दी जाएगी। इससे एक ओर शहर की छवि सुधरेगी, वहीं सरकारी खर्च में भी कमी आएगी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पीडब्ल्यूडी जल्द ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ इस योजना पर दूसरी बैठक करने जा रहा है। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। गौरतलब है कि इसी वर्ष जुलाई में पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि विभाग अपने प्रमुख बुनियादी ढांचा प्रस्तावों को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के ढांचे में विकसित करेगा। अधिकारियों के अनुसार, इसी कड़ी में “एडॉप्ट ए फ्लाईओवर” परियोजना शुरू की गई है, जिसके तहत फ्लाईओवरों की सफाई, मरम्मत और रखरखाव की जिम्मेदारी निजी क्षेत्र को सौंपी जाएगी। इससे सरकारी तंत्र पर भार कम होगा और शहर के मुख्य मार्ग अधिक स्वच्छ और सुंदर बनेंगे।
94 फ्लाईओवर होंगे परियोजना में शामिल, बदलेगी शहर की तस्वीर
पीडब्ल्यूडी ने इस पहल के लिए राजधानी के 94 फ्लाईओवरों की पहचान की है। इन फ्लाईओवरों के नीचे की जगहों को भी सार्वजनिक उपयोग के लिए विकसित करने की योजना है। अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर फ्लाईओवरों के नीचे का क्षेत्र वर्तमान में अतिक्रमण, कचरा और अव्यवस्था का शिकार है। इस योजना का उद्देश्य इन जगहों को साफ-सुथरे, उपयोगी और आकर्षक सार्वजनिक स्थलों में बदलना है। इन क्षेत्रों को विकसित कर वहां नागरिक सुविधाएँ दी जाएंगी, जिससे शहर की सुंदरता और कार्यक्षमता दोनों में सुधार होगा। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि इस मॉडल को अपनाने से न केवल फ्लाईओवरों की स्थिति सुधरेगी बल्कि कॉर्पोरेट क्षेत्र को भी सामाजिक योगदान का अवसर मिलेगा।
स्वास्थ्य केंद्र, चार्जिंग स्टेशन और पुस्तकालय जैसी सुविधाएँ होंगी उपलब्ध
पीडब्ल्यूडी की योजना के अनुसार, फ्लाईओवरों के नीचे की खाली जगहों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, बच्चों के खेलने के क्षेत्र, छोटे कार्यालय, वाचनालय और पुस्तकालय जैसी सार्वजनिक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। इन प्रयासों का उद्देश्य यह है कि फ्लाईओवरों के नीचे की जगहें अब सिर्फ खाली या गंदी जगह न रहकर समुदाय के उपयोग में आने वाले सक्रिय स्थल बनें। इससे नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा, साथ ही शहर में स्वच्छता और हरियाली को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि “एडॉप्ट ए फ्लाईओवर” योजना दिल्ली को एक स्वच्छ, सुरक्षित और आधुनिक शहरी मॉडल की ओर ले जाने वाला कदम साबित होगी। भविष्य में इस योजना को अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे शहरी विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों को गति मिलेगी।

















