Narendra Mountaineering: किसी ने ठीक ही कहा है अगर मन में कुछ करने का जनून हो तो हर चीज संभव है। बचपन से शुरू हुए मिशन में सफलता हासिल करके हरियाणा के Rewari के रहने वाले नरेंद्र यह सिद्ध कर दिखा दिया है। विश्व की सभी वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्थाओं ने नरेन्द्र वर्ल्ड किंग का सम्मान दिया है। अब अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विंसन है।
जाानिए क्या है आगे का मिशन
आर्मी जवान कृष्णचंद के पुत्र नरेन्द्र का सपना दुनिया के सभी सात महाद्वीपों पर फतेह कर रिकॉर्ड बुक में छाप छोड़ने का है। नरेन्द्र ने पांच महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतेह कर अनेकों विश्व रिकार्ड बनाए हैं।
नरेंद्र इस पर्वत को फतेह करने भारत से 11 जून को रवाना होंगे। बहुत कम पर्वतारोही इस पर्वत को चढ़ने में कामयाब हुए हैं क्योंकि इस पर्वत की चढ़ाई बहुत ही खतरनाक और जोखिमों से भरी हुई है।
इस अभियान में पूरे विश्व से पर्वतारोही शामिल होंगे। इस अभियान में नरेंद्र भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस अभियान को आईपीएल बायोलॉजिकल ने स्पॉन्सर किया है।
देनाली को खतरनाक पर्वत भी कहा जाता है, यह पर्वत तकनीकी तौर पर बहुत ही दुर्गम है अत्यधिक ठंड और तेज हवा से यह पर्वत ओर खतरनाक बन जाना है।
यू शुरू किया था मिशन
- 2012 में पर्वतारोहण के बेसिक
- 2013 में एडवांस 2015 में एमओआई
- 2022 में सर्च एंड रेस्क्यू के साथ सभी कोर्स
जिसमें माउंट एवरेस्ट को 2016 व 2022 में 6 दिन में बिना अनुकूलन के फतेह किया। किलिमंजारो को तीन बार, एलब्रुस को ट्रैवल्स में दो बार, कोजास्को व ऑस्ट्रेलिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों को दो बार फतेह किया है। दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकंकागुआ को फतेह किया है।
जानिए कब शुरू हुआ था मिशन Narendra Mountaineering
नरेन्द्र ने जम्मू कश्मीर की पहाड़ियों पर चढ़कर अपने पर्वतारोहण की प्रारंभिक शुरूआत की थी। वर्ष 2008 से नियमित तौर से पर्वतारोहण का अभ्यास शुरू किया था। उसके बाद महज 19 वर्ष की आयु में 6512 मीटर ऊंची भागीरथी-टू व 5612 मीटर ऊंची डीकेडी-टू के साथ कालिंदी पास व वासुकी ताल पास, लेह, गढ़वाल चोटी को फतेह करके सबसे कम उम्र का पर्वतारोही साबित किया।
इसके साथ-साथ विश्व की सभी वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्थाओं ने नरेन्द्र वर्ल्ड किंग का सम्मान दिया है। अब अगला लक्ष्य अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी विंसन है।