एक तीन से दो निशाने, जजपा गठबंधन तोडा, निदर्लीय विधायकों पर विश्वास
Haryana CM : हरियाणा में जारी सियासी उठापटक के बीच सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ने मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ पूरी कैबिनेट ने रिजाइन कर दिया है। महज तीन घंटे में नायब सिंह सैनी हरियाणा का मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए सीएम पद की शपथ दिला दी गई है।
हरियाणा की राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी ने वही प्रयोग किया है, जो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किया गया था। इन तीनों राज्यों में भाजपा ने मुख्यमंत्री पद पर नए चेहरों को मौका दिया था। अब महज तीन घंटे के अंदर, हरियाणा में मोदी की प्रयोगशाला का नतीजा सामने आया है।
दो दिन में तीन बड़े घटनाक्रम हो गए। पहला, 10 मार्च को हुआ, जब पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार लोकसभा सीट से भाजपा सांसद ब्रजेंद्र सिंह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। दूसरा और तीसरा घटनाक्रम 12 मार्च को हुआ। भाजपा ने सुबह जजपा के साथ गठबंधन तोड़ दिया, तो दोपहर बाद नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का एलान कर दिया। नायब सैनी, पिछड़े वर्ग से आते हैं।
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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने इन तीनों घटनाक्रमों को सिलसिलेवार तरीके से अंजाम दिया है। हरियाणा में मुख्यमंत्री की रेस में नायब सिंह सैनी के साथ संजय भाटिया के नाम की चर्चा चल रही थी। हालांकि सीएम की रेस में नायब सिंह सैनी का नाम आगे रहा और अब वे हरियाणा के नए बना दिए गए है। प्रदेश के सैनी समाज की ओर से जशन मनाया जा रहा है। जगह जगह आतिशबाजी भी की गई है।
बता दे सैनी की गिनती मनोहर लाल खट्टर का करीबियों में होती है, साथ ही उन्हें राजनीति का लंबा अनुभव भी है. मनोहर लाल खट्टर ने ही उनका नाम सीएम पद के लिए आगे बढ़ाया था.
नायब सिंह सैनी ओबीसी में सैनी समाज से ताल्लुक रखते हैं। वर्तमान में वह हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वे कुरुक्षेत्र से बीजेपी के सांसद भी हैं।
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बता दें कि हरियाणा में भाजपा-जेजेपी के बीच गठबंधन भी टूट गया है। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच मुलाकात हुई थी.
गौरतलब है कि हरियाणा में भाजपा के साथ गठबंधन के तहत अब जो नई कैबिनेट का गठन होगा उसमें जेजेपी के शामिल होने की संभावना नहीं है। ऐसे में भाजपा निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाने की कोशिश में है।
निर्दलीयो पर हरियाणा में खेला दाव Haryana CM
हरियाणा विधानसभा की 90 में से 41 सीटें बीजेपी के पास है। इसके साथ ही सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने सभी निर्दलीय विधायकों के समर्थन पत्र भी ले लिए हैं। वहीं हरियाणा में कांग्रेस के 30, जेजेपी के 10, हरियाणा लोकहित पार्टी का एक और छह निर्दलीय विधायक हैं। यहां सरकार गठन के लिए 46 विधायकों की जरूरत है।