चंडीगढ़। मानेसर लैंड घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे अब पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में उनके खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। न्यायालय के इस फैसले के बाद मामला ट्रायल के अगले चरण में प्रवेश करेगा। Manesar Land Scam
जानिए क्या है मामला: बता दे मानेसर लैंड स्कैम का मामला वर्ष 2005 का है, जब हुड्डा सरकार ने मानेसर के इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी। आरोप है कि इसी दौरान किसानों को भय और भ्रम में डालकर उनसे 400 एकड़ से ज्यादा जमीन सस्ते दामों पर खरीद ली गई। वर्ष 2007 में सरकार ने जमीन अधिग्रहण को रद्द कर दिया, जिसके बाद यह जमीन कई बिल्डरों और रियल एस्टेट कंपनियों को रियायती दरों पर दे दी गई। करोडो रूपए घोटाले को लेकर मानेसर लेंड स्कैम का मामला कोर्ट में चल रहा है।
बता दें कि इस प्रक्रिया से किसानों को करीब 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि बिल्डरों को बड़ा फायदा पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को दुर्भावनापूर्ण बताते हुए रद्द कर दिया था और सीबीआई को जांच के निर्देश दिए थे।
सीबीआई जांच और चार्जशीट: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने 2015 में जांच शुरू की और भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 लोगों के खिलाफ 80,000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की। इसमें बिचौलियों, बिल्डरों और अधिकारियों की भूमिका का विवरण शामिल था।
हाईकोर्ट का ताजा फैसला: हुड्डा ने विशेष अदालत के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर आरोप तय करने का रास्ता साफ किया गया था। हाईकोर्ट ने अब उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया है, जिससे उनके खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
मामले की अगली सुनवाई एक को: बता दे कि याचिका खारिज किए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आगे क्या कदम उठाएंगे यह निर्णय अभी लेना बाकी है। हुड्डा के वकील अभिषेक राणा ने कहा हाई कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी को पढ़ने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। सीबीआई कोर्ट में मानेसर लैंड स्कैम मामले में अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी।

















