Heat Wave Alert: राजस्थान में इन दिनों गर्मी (Heat Wave) अपने चरम पर है। तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है और हालात ऐसे हैं कि लोग दोपहर के समय घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं। बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर और बीकानेर जैसे शहरों में लू (Hot Winds) के थपेड़े पड़ रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है।
हालांकि मौसम विभाग (IMD) की मानें तो जल्द ही इस भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिलने वाली है। इसका कारण है एक नया पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) जो राजस्थान के कुछ हिस्सों में असर दिखा सकता है।
गर्मी ने बढ़ाई लोगों की परेशानी
राजस्थान में गर्मी हर साल कहर बरपाती है, लेकिन इस बार मार्च के महीने में ही तापमान (Temperature) सामान्य से 3-4 डिग्री ज्यादा चल रहा है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को बाड़मेर में 40.2 डिग्री सेल्सियस, झुंझुनूं के पिलानी में 40.1 डिग्री और चित्तौड़गढ़ में 40.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश के 13 शहरों में तापमान 39 डिग्री से अधिक रहा और 22 शहरों में यह 38 डिग्री से ऊपर पहुंच गया।
गर्मी के कारण लोगों को घर से बाहर निकलने में दिक्कत हो रही है। दिन में धूप इतनी तेज होती है कि बाजारों और सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है। वहीं, पंखे और कूलर की मांग भी बढ़ गई है। इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों पर एयर कंडीशनर (Air Conditioner) खरीदने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है।
पश्चिमी विक्षोभ से बदलेगा मौसम
मौसम विभाग ने बताया है कि एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुका है, जो राजस्थान के कुछ इलाकों में असर डाल सकता है। हालांकि, यह उतना मजबूत नहीं है, इसलिए बारिश (Rain) की संभावना कम है। लेकिन बादल छाए रहने से तापमान में 2 से 4 डिग्री तक गिरावट दर्ज की जा सकती है।
मौसम केंद्र जयपुर की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 और 27 मार्च को पश्चिमी राजस्थान के कई हिस्सों में 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं (Strong Winds) चल सकती हैं। इसका असर मुख्य रूप से बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, नागौर और बीकानेर में देखने को मिलेगा। 28 मार्च के बाद यह विक्षोभ कमजोर पड़ जाएगा और मौसम फिर से शुष्क (Dry) होने लगेगा।
बारिश की संभावना कम
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से आसमान में बादल छाए रहेंगे, जिससे सीधी धूप (Direct Sunlight) कम होगी और तापमान में गिरावट आएगी। यह लोगों के लिए थोड़ी राहत की खबर है, लेकिन बारिश होने की संभावना फिलहाल कम है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राजस्थान में बारिश तभी होती है जब पश्चिमी विक्षोभ बहुत मजबूत होता है, लेकिन इस बार यह ज्यादा प्रभावी नहीं है।
राजस्थान में कई जगहों पर किसान (Farmers) भी बारिश की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि मार्च-अप्रैल के महीने में हल्की बारिश खेतों के लिए फायदेमंद होती है। हालांकि, इस बार पश्चिमी विक्षोभ से केवल ठंडी हवाएं और बादल छाने की संभावना जताई जा रही है।
पश्चिमी विक्षोभ क्या होता है?
पश्चिमी विक्षोभ को अंग्रेजी में Western Disturbance कहा जाता है। यह एक मौसमी घटना है जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी (Snowfall) लाने के लिए जानी जाती है। यह विक्षोभ भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) से उठकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश करता है।
यह विक्षोभ जब भारत में पहुंचता है तो उत्तरी राज्यों जैसे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में असर डालता है। इसके कारण बारिश होती है, जिससे तापमान में गिरावट आती है और ठंडी हवाएं चलने लगती हैं। आमतौर पर यह सिस्टम सर्दियों में ज्यादा सक्रिय रहता है, लेकिन कभी-कभी मार्च-अप्रैल में भी इसका प्रभाव देखा जाता है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने राजस्थान के लोगों को अगले कुछ दिनों के लिए सतर्क रहने की सलाह दी है। तेज हवाएं चलने से धूल भरी आंधियां (Dust Storm) भी आ सकती हैं, जिससे दृश्यता (Visibility) प्रभावित हो सकती है। खासकर वाहन चालकों को सावधानी बरतने की जरूरत होगी।
इसके अलावा, जिन लोगों को गर्मी से जल्दी थकान (Heat Exhaustion) महसूस होती है, उन्हें दोपहर के समय घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। धूप में निकलते समय सिर को ढककर रखना और खूब पानी पीना जरूरी होगा।
कैसा रहेगा अगले कुछ दिनों का मौसम?
26-27 मार्च: पश्चिमी राजस्थान में तेज हवाएं चलेंगी, जिससे तापमान 2-4 डिग्री तक गिर सकता है।
28 मार्च: पश्चिमी विक्षोभ कमजोर होगा, लेकिन हल्की ठंडी हवाएं चल सकती हैं।
29 मार्च के बाद: मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा और गर्मी में बढ़ोतरी होगी।
















