Haryana: सफाई कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी, 10 जुलाई तक का अल्टीमेटम

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Haryana: बार बार अस्ठाई कर्मचारियो को पक्का करने का सरकार का वादा टूट रहा है। यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार के उदासीन रुख को देखते हुए प्रदेश के ग्रामीण सफाई कर्मचारी एक बार सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं। अगर सरकार ने इस बार चुनावो से सफाई कर्मियों को पक्का नहीं किया तो बड़े आंदोलन करने को मजबूर होंगें।

यूनियन ने चेतावनी देते हुए कहा कि हर बार आश्वसन देकर टाल दिया जाता है। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने हरियाणा सरकार के विरोध में 10 जुलाई से सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है।

सफाईकर्मचारियों ने कहा कि 10 दिन में अगर मांगों का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन तेज होगा, जिसके लिए खुद सरकार जिम्मेदार होगी। 10 जुलाई को प्रदेश के तमाम जिलों में प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।

10 जुलाई का दिया अल्टीमेटम: अगर सरकार ने इन सफाई कर्मियों को विधानसभा चुनाव से पहले पक्का नहीं किया तो बड़े आंदोलन की तरफ रुख करेंगें। कर्मचारियो ने बैठक आयोजित कर इसके लिए रणनीति भी बना ली है।

बिगड सकते है हालात:
हरियाणा में सफाई कर्मचारियों के आंदोलन के संभावित परिणाम अनेक और व्यापक हो सकते हैं। यदि सरकार सफाई कर्मचारियों की माँगें नहीं मानती है, तो आंदोलन के चलते स्वच्छता व्यवस्था में गंभीर अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से शहरों में कचरे का ढेर लग सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। स्वच्छता की कमी से बीमारियों का फैलाव हो सकता है, जो आम जनता के जीवन को सीधे प्रभावित करेगा।

इसके अतिरिक्त, आंदोलन का आर्थिक प्रभाव भी गहरा हो सकता है। सफाई व्यवस्था ठप्प होने से नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के लिए अतिरिक्त खर्च बढ़ सकता है। कचरे के ढेर को साफ करने के लिए निजी सफाई कर्मियों को बुलाना पड़ सकता है, जिससे अतिरिक्त व्यय का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, पर्यटन उद्योग पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि गंदगी और अस्वच्छता पर्यटकों को आकर्षित नहीं करती।