Haryana Politics: हरियाणा में 90 सीटों वाली विधानसभा के लिए शनिवार को मतदान जारी है हैं. हरियाणा मे आज होने वाले मतदान का परिणाम 8 अक्टूबर को आएगा। पिछले दस सालो करारी हार पा रहे भाजपा ने इस बार 2009 में जीत दर्ज् करवाने वाले बसपा पर ही दाव खेला है।
अगर हरियाणा के राजनीतिक समीकरण की तो यहां पिछले दस साल भाजपा का हरियाणा में सत्ता रहीं है। जिसके चलते पहले 9 साल मनोहर लाल खट्टर तथा अ नायब सिंह सैनी राज्य के मुख्यमंत्री रहे है।Haryana Politics
दो बार सत्ता हासिल करने के बाद भी हरियाणा में एक सीट ऐसी भी है, जहां बीजेपी अब तक अपना कमल नहीं खिला पायी है। हालाकि सीएम तक खूब यहा रैली की गई, लेकिन भाजपा को हमेशा हार ही मिली है। अब देखना है इस बार क्या यह रिर्कोड टूट सकता है।Haryana Politics
जानिए कौन सी है वह सीट
हरिशणा जिला फरीदाबाद में आने वाली पृथला विधानसभा ही ऐसी सीट पर जहां पर कमल खिलान चुनोती बना हुआ है। बता दे कि यह सीट 2009 में अस्तित्व में आयी थी। 2009 में इस सीट पर हुए पहली बार के विस चुनाव में कांग्रेस के रघुबीर सिंह तेवतिया ने जीत का परचम लहराया था।
इसके बाद 2014 के विस चुनाव में बसपा के टेकचंद शर्मा ने अपने नाम की। जीत का अंतर केवल 1179 वोटों का रहा। बसपा प्रत्याशी टेकचंद को 37,178 वोट और नयनपाल को 35,999 वोट मिले। पिछले बार यानि 2019 में कांग्रेस के रघुबीर सिंह को 34,753 वोट लेकर तीसरे स्थान रहे थे।
2019 निर्दलीय ने लहराया परचम
2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नयन पाल रावत ने इस सीट पर जीत दर्ज की। रावत को 64,625 वोट मिले थे। इतना ही निर्दलीय प्रत्याशी ने कांग्रेस के रघुबीर सिंह तेवतिया को करीब 15 हजार वोटों से हराया था। तेवतिया केा 48,196 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर बीजेपी के सोहन पाल रहे, जिन्हें 21,322 वोट मिले। Haryana Politics
इस बार भी चुनौती
इस बार भाजपा ने बसपा छोडकर भाजपा पार्टी में आए टेकचंद को पृथला से बीजेपी उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार रघुबीर सिंह तेवतिया पर भरोसा जताया है।Haryana Politics
जजपा के पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद भारद्वाज भी इस सीट पर अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इस बार भी इस जीत पर त्रिकोणीय मुकाबला है। क्या भाजपा इस बार इस सीट अपने कलंक को दोह पाएगी या नहीं ये तो 8 अक्टूबर को ही पता चलेगा।