Haryana: हरियाणा सरकार ने प्रदेश में पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली शुरू कर दी है, जिसके साथ ही आज से ही तहसील कार्यालयों में भीड़ कम हो गई है। सरकार का उद्देश्य इस नई व्यवस्था के माध्यम से न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना है, बल्कि लोगों को सुविधा भी प्रदान करना है। अब रजिस्ट्री करवाने के इच्छुक व्यक्ति को ई-रजिस्ट्रेशन डॉट रेवेन्यू वेबसाइट पर जाकर प्रक्रिया पूरी करनी होगी। यहां नागरिक (Citizen) और अधिकारी (Officer) के दो विकल्प मिलेंगे। रजिस्ट्री करवाने वाले व्यक्ति को “सिटीजन” विकल्प चुनकर मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी से लॉगिन करना होगा। इसके बाद खरीदार और विक्रेता की जानकारी भरनी होगी। फॉर्म पूरा होने के बाद 503 रुपये का सर्विस चार्ज देना होगा, जिसके बाद आवेदन क्लर्क और सीआरओ (Chief Registration Officer) द्वारा सत्यापित किया जाएगा। सत्यापन पूरा होने पर रजिस्ट्री की ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी कटेगी, और फिर फोटो के लिए तारीख व समय चुनना होगा। फोटो खिंचवाने के बाद डिजिटल हस्ताक्षर से रजिस्ट्री पूरी हो जाएगी और नागरिकों को इसका पीडीएफ फॉर्मेट में दस्तावेज उपलब्ध होगा।
नई व्यवस्था के लागू होने के बाद सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि पुराने स्टांप पेपर पर रजिस्ट्री 15 नवंबर तक ही करवाई जा सकेगी। पहले लोग स्टांप पेपर पहले से खरीदकर रखते थे और बाद में रजिस्ट्रेशन करवाते थे, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं होगा। जो लोग पहले से स्टांप पेपर खरीद चुके हैं, वे 15 नवंबर तक ऑफलाइन रजिस्ट्री करवा सकते हैं। इसके बाद यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगी। यदि तय समय सीमा तक ऑफलाइन रजिस्ट्री नहीं करवाई गई, तो स्टांप पेपर को वापस करना होगा। सरकार का कहना है कि यह कदम व्यवस्था को पारदर्शी बनाने और दलालों की भूमिका कम करने के लिए उठाया गया है।
पेपरलेस प्रणाली शुरू होने के बाद वसीका नवीसों (डीड राइटर्स) का काम बढ़ गया है। पहले वे 15–20 मिनट में रजिस्ट्री तैयार कर देते थे, जबकि अब एक ऑनलाइन रजिस्ट्री को पूरा करने में करीब दो घंटे का समय लग रहा है। उनका कहना है कि यदि सरकार वास्तव में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से भ्रष्टाचार खत्म करना चाहती है, तो इस सिस्टम को केंद्रीकृत (Centralized) किया जाना चाहिए। यानी किसी भी तहसीलदार को यह न पता हो कि उसके पास कौन सी रजिस्ट्री आएगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सकेगा। वसीका नवीसों का कहना है कि शुरुआती दिनों में तकनीकी दिक्कतें और नेटवर्क समस्याएं भी सामने आ रही हैं, जिनका समाधान जरूरी है।
डिजिटल लिटरेसी और जागरूकता पर देना होगा जोर
जींद के नायब तहसीलदार बलराम जाखड़ ने बताया कि नई प्रणाली को लेकर लोगों में उत्साह है, लेकिन इसके साथ ही डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) की जरूरत भी महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि अब किसी व्यक्ति को रजिस्ट्री के लिए बार-बार तहसील नहीं आना पड़ेगा, लेकिन जो लोग तकनीकी रूप से सक्षम नहीं हैं, उन्हें प्रक्रिया समझने में दिक्कत आ रही है। वहीं, जींद के प्रॉपर्टी एडवाइजर राम प्रसाद ने कहा कि यह नई प्रक्रिया अभी उनकी समझ से बाहर है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को यह प्रक्रिया लागू करने से पहले संपत्ति रजिस्ट्रेशन से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करनी चाहिए थी। कुल मिलाकर, पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली हरियाणा में एक बड़ा सुधारात्मक कदम है। इससे लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे, पारदर्शिता बढ़ेगी और तहसील कार्यालयों में अनावश्यक भीड़ खत्म होगी। हालांकि, शुरुआती चरण में तकनीकी चुनौतियों और डिजिटल जागरूकता की कमी को दूर करना सरकार के लिए एक अहम जिम्मेदारी होगी।

















