Haryana सरकार ने राज्य में भूमि पंजीकरण और अन्य दस्तावेजों को पूरी तरह ऑनलाइन करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। एक नवंबर से शुरू हुए इस पेपरलेस सिस्टम का उद्देश्य पारदर्शिता लाना और लोगों को सुविधा प्रदान करना था। शुरुआती दिनों में प्रतिदिन औसतन 500 से अधिक रजिस्ट्रेशन हो रहे थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर लगभग 100 तक रह गई है। वजह है — पोर्टल में मौजूद कई तकनीकी खामियां और कर्मचारियों की नई प्रणाली में अधूरी दक्षता। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई तहसीलों में पोर्टल पर लगातार एरर आ रहे हैं, जिससे पंजीकरण की प्रक्रिया रुक रही है।
राजस्व विभाग के कई कर्मचारी और अधिकारी अभी तक नई ऑनलाइन प्रणाली को पूरी तरह समझ नहीं पाए हैं। जो क्लर्क बिक्री विलेख (Sale Deed) तैयार करते हैं, वे भी इस सिस्टम में निपुण नहीं हैं। सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब किसी जमीन या संपत्ति के एक से अधिक मालिक होते हैं — ऐसे मामलों में पोर्टल पर पंजीकरण संभव नहीं हो पा रहा है। इसी प्रकार, यदि किसी संपत्ति को कई खरीदार एक साथ खरीद रहे हैं, तो उन्हें भी रजिस्ट्रेशन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वकील समुदाय ने भी बताया है कि पोर्टल की गति धीमी होने के कारण दस्तावेज अपलोड करने और भुगतान की प्रक्रिया अधूरी रह जाती है।
हालांकि राज्य की कुछ तहसीलों में यह प्रणाली बिना किसी बड़ी परेशानी के चल रही है। राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जहां भी कोई समस्या सामने आती है, उसे तुरंत उच्चाधिकारियों और तकनीकी टीम को सूचित किया जाता है। विभाग द्वारा निरंतर सुधार किए जा रहे हैं ताकि जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े। तकनीकी टीम पोर्टल में उन बिंदुओं पर काम कर रही है, जहां त्रुटियाँ सामने आई हैं, विशेषकर मल्टी-ओनर और मल्टी-बायर मामलों में।
गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि जहां-जहां से शिकायतें मिल रही हैं, वहां तुरंत कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को पुनः प्रशिक्षण देने की जरूरत है ताकि वे नई प्रणाली को पूरी तरह समझ सकें और इसका सही उपयोग कर सकें। सरकार का लक्ष्य है कि इस माह के अंत तक यह सिस्टम पूरी तरह से सुचारू रूप से कार्य करने लगे। उन्होंने जनता से अपील की कि थोड़ी असुविधा के बावजूद यह प्रणाली भविष्य में पारदर्शिता और सुविधा दोनों लाएगी।

















