Haryana: कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि में मंगलवार को आयोजित गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में एक ऐतिहासिक और भावुक दृश्य देखने को मिला। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने व्यक्तिगत रूप से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र ‘पलकी सेवा’ अपने सिर पर उठाकर मुख्य मंच तक पहुँचाई। यह सेवा न केवल एक धार्मिक कृत्य थी, बल्कि सिख परंपरा में सम्मान और भक्ति का सर्वोच्च प्रतीक मानी जाती है।
इस पल का नेतृत्व पंज प्यारों ने किया और संगत ने इसे गहरी भक्ति और नम्रता के साथ स्वागत किया। इस दौरान “जो बोले सो निहाल… सत श्री अकाल!” के उद्घोष पूरे माहौल में गूंज रहे थे। मुख्यमंत्री द्वारा यह सेवा करने को सिख परंपरा में गुरु और धर्म के प्रति सर्वोच्च सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। इस दृश्य ने उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के दिलों में आस्था और गर्व का संचार किया।
संगत की उपस्थिति में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को आदरपूर्वक दरबार हॉल में लाया गया और प्रार्थनाओं के बाद समारोहिक दीप प्रज्वलन किया गया। पूरे प्रांगण में श्रद्धा, भक्ति और शांति का वातावरण व्याप्त था। कार्यक्रम के दौरान संगत ने कीर्तन और गुरबानी पाठ में भाग लिया, जिससे वातावरण और भी दिव्य और पावन हो गया। यह कार्यक्रम लोगों को गुरु तेग बहादुर जी के त्याग, साहस और धर्म के प्रति उनके अडिग संकल्प की याद दिलाता रहा।
शहादत दिवस का मुख्य कार्यक्रम
मुख्य Martyrdom Day कार्यक्रम में कीर्तन, गुरबानी पाठ, संगत का समागम, और गुरु तेग बहादुर जी की शहादत पर आधारित विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। इन प्रस्तुतियों ने गुरु साहिब के बलिदान और उनके सिद्धांतों की महत्ता को उजागर किया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर गुरु साहिब के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री द्वारा की गई पलकी सेवा ने इस ऐतिहासिक दिन को और भी यादगार और भावपूर्ण बना दिया।
















