Haryana News: रेवाड़ी : रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने लीव-इन-रिलेशनशिप के बढ़ते प्रचलन पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे सामाजिक ताना-बाना और पारिवारिक रिश्ते खराब हो रहे हैं। उन्होंने मांग कि उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर लीव-इन-रिलेशनशिप का पंजीकरण शुरू किया जाए, ताकि रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों का सरकार के पास पूरा आंकड़ा हो। विधायक ने मांग की कि सरकार की ओर से लीव-इन-रिलेशनशिप के मानदंड तय करने के लिए कमेटी गठित करनी चाहिए।
एमएलए हॉस्टल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव ने कहा कि समाज में लीव-इन-रिलेशनशिप की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे सामाजिक व्यवस्था पूरी तरह खराब हो रही है। लीव-इन-रिलेशनशिप को कानून मान्यता देने के लिए उत्तराखंड सरकार की तर्ज पर पंजीकरण जरूरी हो। उत्तराखंड सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता के अंतर्गत लीव-इन-रिलेशनशिप पंजीरण का प्रावधान किया गया, जिसके मानदंड और नियम तय किए गए हैं। हरिद्वार में लीव-इन-रिलेशनशिप के 40 मामले सामने आए, जब पंजीरकण कराने के निर्देश दिए गए तो उनमें से 13 मामले ऐसे थे, जो शादीशुदा थे।
विधायक ने स्पष्ट किया कि पंजीकरण से महिला सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और छोडऩे के बाद हताशा में जीवन लीला को समाप्त करने वाले कदमों पर भी अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि लीव-इन-रिलेशनशिप के मामलों में आत्महत्या का ग्राफ भी बढ़ रहा है। उनके कहा कि रेवाड़ी जिले में तीन ऐसे मामले सामने आए हैं।Haryana News
मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे पंजीकरण की मांग :
रेवाड़ी विधायक लक्ष्मण यादव ने कहा कि लीव-इन-रिलेशनशिप में पंजीकरण शुरू करने की मांग को लेकर वे जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलेंगे। मुलाकात के दौरान लीव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के लिए मानदंड और नियम बनाने के लिए कमेटी गठित करने की मांग करेंगे। इससे सामाजिक ताना-बाना नहीं बिगड़ेगा और पारिवारिक रिश्ते भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं को भी इस मुहिम में जुडऩे का आह्वान किया। उत्तराखंड सरकार की ओर से मानदंड तय किया गया है कि यदि छह महीने तक कोई लीव-इन-रिलेशनशिप को पंजीकरण नहीं कराता है तो उसे 25 हजार रुपये का जुर्माना और तीन साल सजा का प्रावधान है।Haryana News
लीव-इन-रिलेशनशिप के चलते टूट रहे रिश्ते
विधायक लक्ष्मण यादव ने कहा कि लीव-इन-रिलेशनशिप के चलते रिश्ते टूट रहे हैं, जो कि समाज के लिए चिंता का विषय है। लीव-इन-रिलेशनशिप में पंजीकरण से पहले सरकार द्वारा गठित कमेटी की मंजूरी अनिवार्य होनी चाहिए। यदि लीव-इन-रिलेशनशिप का रिश्ता पांच साल या इससे ज्यादा का है तो उसे शादी की मान्यता दी जाए, ताकि महिला की संतान को संपत्ति में हिस्सेदारी का हक मिल सके। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा और रिश्तों की गरिमा को बरकरार रखने के लिए जो मुहिम शुरू की गई है, उसे सफल बनाने के लिए अभिभावकों का सहयोग जरूरी है।Haryana News

















