Haryana News: हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने राज्य की तहसीलों में चल रही ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रणाली की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेपरलेस रजिस्ट्री प्रक्रिया को और अधिक सरल, पारदर्शी और नागरिक हितैषी बनाया जाए ताकि आम जनता को रजिस्ट्री कराने में कोई दिक्कत न हो। मंत्री ने अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत जानकारी को ध्यान से सुना और कई बिंदुओं पर सुधार के सुझाव भी दिए।
हरियाणा में ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम शुरू होने के बाद जो परेशानियां लोगों को हो रही थीं, उन्हें कम करने के लिए साफ्टवेयर में कई सुधार किए गए हैं। अब पोर्टल पर अपलोड किए जाने वाले दस्तावेजों की साइज सीमा 10 एमबी से बढ़ाकर 40 एमबी कर दी गई है। इसके अलावा नए सिस्टम में पहले से मौजूद जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी का विकल्प और भी आसान बना दिया गया है, जिससे प्रक्रिया तेज और सुविधाजनक हुई है।
वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा और डॉ. यशपाल यादव की मौजूदगी में हुई विभागीय बैठक में डिजिटलाइजेशन को मजबूत बनाने, पारदर्शिता बढ़ाने और नागरिकों को तेज व सुगम सेवा देने के लिए कई सुझावों पर चर्चा हुई। मंत्री विपुल गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेपरलेस रजिस्ट्री प्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए आधुनिक तकनीक, डेटा सुरक्षा और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर खास ध्यान दें। उनका कहना था कि यह पहल समय और संसाधनों की बचत के साथ रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाती है।
बैठक में यह भी बताया गया कि स्थानीय निकायों की सीमा में अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा हरियाणा हाउसिंग बोर्ड और शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टरों में खेवट और खतौनी की जरूरत खत्म कर दी गई है।
सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद अब पार्टनरशिप डीड या कोलेब्रेशन डीड में नियम और शर्तों की शब्द सीमा 500 से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है, जिससे पार्टियां अपनी सुविधा अनुसार अधिक जानकारी जोड़ सकेंगी। पुराने शहरी क्षेत्रों से खेवट-खसरा कालम हटा दिया गया है। 12 नवंबर से ‘रिवर्ट विद आब्जेक्शन’ फीचर शुरू हो रहा है, जिसमें दस्तावेज संलग्न करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। अब नाम में छोटे-मोटे अंतर होने पर भी आवेदन रोका नहीं जाएगा। अब तक ऑनलाइन माध्यम से 1200 से अधिक रजिस्ट्रियां सफलतापूर्वक हो चुकी हैं।

















